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Daily Voice - ग्लोबल इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड्स की एंट्री से डॉलर के मुकाबले रुपये को मिलेगा सपोर्ट

मानसून के बाद सीमेंट कंपनियों की डिमांड में और मजबूती आने की संभावना है। सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर पर किए जाने वाले खर्च से भी इस सेक्टर को सपोर्ट मिलेगा।

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 15, 2022 पर 12:02 PM
Daily Voice - ग्लोबल इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड्स की एंट्री से डॉलर के मुकाबले रुपये को मिलेगा सपोर्ट
आईटी सेक्टर पर बात करते हुए उमेश कुलकर्णी ने कहा कि हमें कुछ लॉर्जकैप आईटी कंपनियां पसंद हैं। वहीं मिडकैप आईटी की बात करें तो हाल में आए करेक्शन के बावजूद इनका वैल्यूएशन अपने हिस्ट्रोरिकल एवरेज से अभी भी काफी ऊपर हैं

अगर भारतीय बॉन्डों को जेपी मॉर्गन ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स ( JPMorgan global bond index)में एंट्री मिल जाती है तो इससे डॉलर के मुकाबले तमाम उभरते बाजारों की करेंसी को सपोर्ट मिलता दिख सकता है। इसमें भारतीय रुपया भी शामिल है। यूएस फेडरल रिजर्व बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है जिसके चलते दूसरी करेंसी की तुलना में डॉलर मजबूत बना हुआ है। डॉलर की मजबूती के चलते रुपये जैसी उभरते बाजारों की करेंसीज पर दबाव है। अगर भारतीय बॉन्ड इस ग्लोबल इंडेक्स में शामिल हो जाता है तो भारतीय रुपये को डॉलर के मुकाबले सपोर्ट हासिल हो सकता है। यह बातें Julius Baer India के उमेश कुलकर्णी ने मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में कही हैं। बतातें चलें कि जेपी मॉर्गन ने हाल ही में भारतीय बॉन्ड्स को जेपी मॉर्गन ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल करने के लिए बाजार भागीदारों की सलाह मांगी है।

इक्विटी मार्केट पर बात करते हुए उमेश कुलकर्णी ने कहा कि भारतीय बाजार दूसरे उभरते बाजारों की तुलना में आगे भी प्रीमियम वैल्यूएशन पर बना रहेगा। इसकी वजह यह है कि भारतीय कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ काफी अच्छे स्तर पर है और भारत की इकोनॉमी दूसरे देशों की इकोनॉमी की तुलना में ज्यादा तेजी से ग्रोथ कर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि भारतीय बाजार में घरेलू निवेशकों की तरफ से आने वाला पैसा मजबूत स्तर पर है। इसके अलावा देश में फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट के लिए भी काफी अच्छा माहौल दिख रहा है। अगर विदेशी निवेशकों की तरफ से चीन के बाजार से पैसा निकला जाता है तो इसका अगला पड़ाव भारत ही होगा।

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