अगर भारतीय बॉन्डों को जेपी मॉर्गन ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स ( JPMorgan global bond index)में एंट्री मिल जाती है तो इससे डॉलर के मुकाबले तमाम उभरते बाजारों की करेंसी को सपोर्ट मिलता दिख सकता है। इसमें भारतीय रुपया भी शामिल है। यूएस फेडरल रिजर्व बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है जिसके चलते दूसरी करेंसी की तुलना में डॉलर मजबूत बना हुआ है। डॉलर की मजबूती के चलते रुपये जैसी उभरते बाजारों की करेंसीज पर दबाव है। अगर भारतीय बॉन्ड इस ग्लोबल इंडेक्स में शामिल हो जाता है तो भारतीय रुपये को डॉलर के मुकाबले सपोर्ट हासिल हो सकता है। यह बातें Julius Baer India के उमेश कुलकर्णी ने मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में कही हैं। बतातें चलें कि जेपी मॉर्गन ने हाल ही में भारतीय बॉन्ड्स को जेपी मॉर्गन ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल करने के लिए बाजार भागीदारों की सलाह मांगी है।