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Daily Voice : टैरिफ का असर अभी पूरी तरह से साफ नहीं, घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर शेयरों में निवेश के मौके -इक्विट्री के पवन भाराडिया

Daily Voice : इक्विट्री कैपिटल के पवन भाराडिया घरेलू मैन्युफैक्चरिंग,इंजीनियरिंग,एंसिलरी और खपत वाले शेयरों पर पॉजिटिव बने हुए हैं। इन शेयरों को "मेक इन इंडिया" और चीन प्लस टू रणनीति से फायदा मिलेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 19, 2025 पर 12:03 PM
Daily Voice : टैरिफ का असर अभी पूरी तरह से साफ नहीं, घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर शेयरों में निवेश के मौके -इक्विट्री के पवन भाराडिया
पवन भराडिया ने कहा कि टैरिफ पर 90-दिन के विराम ने कुछ राहत दी है। इससे संकेत मिलता है कि कोई भी टैरिफ हल्का या अधिक सोच समझकर लगाया जाएगा। इसी वजह से हाल के दिनों में बाजार में तेजी आई है

Daily Voice : इक्विट्री कैपिटल के पवन भाराडिया का कहना है कि अगर चीन को हाई टैरिफ का सामना करना पड़ता है और दूसरे देश भी अमेरिका के खिलाफ जवाबी एक्शन लेते हैं तो भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में एक पसंदीदा देश के रूप में उभर सकता है। उनका मानना ​​है कि यह टैरिफ वार कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग और वैल्यूएडेड एक्सपोर्ट करने वाली भारतीय कंपनियों के लिए एक अच्छा मौका हो सकता है।

पवन ने मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि मोटे तौर पर इक्विट्री घरेलू मैन्युफैक्चरिंग,इंजीनियरिंग,एंसिलरी और खपत वाले शेयरों पर पॉजिटिव है। उसको वे शेयर पसंद हैं जिनको "मेक इन इंडिया" और चीन प्लस वन रणनीति का फायदा मिलेगा। कंपनियों के नतीजों के बारे में बात करते हुए पवन का मानना ​​है कि टैरिफ का वास्तविक प्रभाव समय के साथ दिखाई देने लगेगा,जब चीजें व्यवस्थित होने लगेंगी तभी इसका असर साफ होगा। उनका यह भी कहना है कि टैरिफ की समस्या बाजार के लिए एक मिड टर्म जोखिम है। टैरिफ पर बातचीत जारी है और पूरी तस्वीर अभी सामने आनी बाकी है। हमें यह समझने में कम से कम 6 से 9 महीने लग सकते हैं।

क्या टैरिफ की दरों में कोई बदलाव या संशोधन हो सकता है?

इसके जवाब में पवन ने कहा कि इस समय इस पर कोई पक्की बाद कहना बहुत मुश्किल है। हालांकि तमाम देश बातचीत के लिए आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में कुछ मामलों में टैरिफ में कमी की जा सकती है। भारत की बात करें तो कुछ वस्तुओं पर लागू टैरिफ में कटौती की संभावना तलाशने की इच्छा के संकेत देने वाली खबरें आई हैं। तो अगर बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ती है तो हमें कुछ चुनिंदा सेक्टरों में टैरिफ में कटौती देखने को मिल सकती है। हालांकि यह पूरी तरह से वापस नहीं होगी।

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