Defence Stocks: चंद्रयान -3 की सफलता का असर गुरुवार 24 अगस्त को शेयर बाजार में भी दिखा। जिन कंपनियों ने चंद्रयान के लिए इसरो (ISRO) को इक्विपमेंट्स और तकनीकें सप्लाई की थीं, उनके शेयरों में जोरदार तेजी आई। टाटा इलेक्सी (Tata Elexi), सेंटल इलेक्ट्रॉनिक्स (Centum Electronics) और एमटीएआर टेक्नोलॉजीज (MTAR Tech) के शेयरों ने 3 से 10 फीसदी की दमदार छलांग लगाई। वहीं मिश्र धातु निगम लिमिटेड (Mishra Dhatu Nigam), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और एलएंडटी (L&T) के शेयर तो अपने नए 52-वीक हाई पर पहुंच गए। ऐसे में बाजार में यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या चंद्रयान के साथ डिफेंस कंपनियों के शेयर भी चांद पर पहुंच गए हैं, या अभी भी इनमें आगे भी उछाल की संभावनाएं बाकी हैं।
चंद्रयान-3 की सफलता में करीब 12 कंपनियों ने अहम योगदान दिया है। इन सभी के शेयरों में इस साल अच्छी तेजी देखने को मिली है। नीचे तस्वीर में आप इन सभी शेयरों के इस साल में अबतक के प्रदर्शन को देख सकते हैं-
ये तो अभी इस साल का रिटर्न है। इसरो (ISRO) आने वाले दिनों में कई अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने वाला है। इसमें सूरज की स्टडी के लिए छोड़ा जाने वाला\ आदित्य L1 मिशन, गगनयान 1, गगनयान 2 और मंगलयान 2 मिशन शामिल है। इसके अलावा इसरो गगनयान 3 में इंसान को भी अंतरिक्ष में भेजेगा।
मार्केट एक्सपर्ट अनिरुद्ध गर्ग का मानना है कि चंद्रयान-3 की सफलता ने इन डिफेंस और अंतरिक्ष सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों के लिए संभावनाओं का एक नया द्वार खोल दिया है। इसरो के जो आगामी प्रोजेक्ट्स हैं, वे इनके लिए शानदार मौके साबित हो सकते हैं।
वेंचुरा सिक्योरिटीज के विनीत बोलिंजकर भी इस बात से सहमत हैं। वे कहते हैं कि चंद्रयान-3 तो बस शुरुआत है। आने वाले समय में इसी तरह के कई मिशन लॉन्च आने की उम्मीद है। विनीत ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता ने सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि ग्लोबल स्तर पर इन कंपनियों के लिए साझेदारी की संभावनाएं बना दी हैं।
भारत सरकार पहले से ही इस रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों पर जोर दे रही है। इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है। साल 2019 तक भारत जो भी रक्षा खरीद करता था, उसमें से सिर्फ 54 फीसदी देसी कंपनियों से होता था। लेकिन वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 75 फीसदी हो गया है।
वित्त वर्ष 2024 में हमारी थल सेना ने करीब 83 फीसदी खरीद देसी कंपनियों से किया। वहीं नेवी ने 62 फीसदी खरीद देसी कंपनियों से की। जबकि वायु सेना ने 56 फीसदी खरीद देसी कंपनियों से किया। इसके अलावा अब हमने विदेशों को भी बड़ी मात्रा में रक्षा उपरकरण बेचना शुरू कर दिए है। वित्त वर्ष 2017 में भारत ने 1,521 करोड़ रुपये का डिफेंस आइटम एक्सपोर्ट किए था, जो वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 15,920 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसे आप नीचे दिए टेबल में देख सकते हैं-
भारत सरकार ने इस साल फरवरी में 5.9 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसका 13 फीसदी रक्षा पर खर्च करने का ऐलान किया गया था। इस भारी-भरकम बजट के चलते डिफेंस कंपनियों को रक्षा मंत्रालय से लगातार नए-नए ऑर्डर मिल रहे हैं। यह भी काफी रोचक है कि चंद्रयान-3 का पूरा बजट 615 करोड़ रुपये का था, जबकि इसे इक्विपमेंट सप्लाई करने वाली कंपनियों का कुल मार्केट कैप 23 अगस्त को 50,000 करोड़ रुपये बढ़ा था।
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