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डीमैट एकाउंट खुलने की दर दिसंबर 2020 के बाद के सबसे निचले स्तर पर आई, SIP से बाजार को मिला सपोर्ट

Demat account openings: कुछ एनालिस्ट डीमैट खातों में गिरावट की वजह आईटी सेक्टर की मंदी को भी मानते हैं। आईटी सेक्टर ऐतिहासिक रूप से नया खाता खोलने वाले ट्रेडरों का पसंदीदा सेक्टर रहा है। वर्तमान में ये सेक्टर अमेरिका और दूसरे विकसित देशों की मंदी के मार से जूझ रहा है। जिसके चलते आईटी कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी और वेतन कटौती हो रही है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड May 05, 2023 पर 2:35 PM
डीमैट एकाउंट खुलने की दर दिसंबर 2020 के बाद के सबसे निचले स्तर पर आई, SIP से बाजार को मिला सपोर्ट
वर्क-फ्रॉम-होम सुविधाओं में आ रही कमी, कम वेतन बढ़ोतरी और एक्सचेंज मार्जिन में कमी भी बाजार की गतिविधि में गिरावट का कारण हैं

Demat account openings: देश में डीमैट (डीमैटेरियलाइज्ड) एकाउंट खुलने की दर दिसंबर 2020 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गई है। अप्रैल में देश में केवल 16 लाख खाते खोले गए थे। बता दें कि वित्त वर्ष 2022 और 2023 में प्रति माह औसतन 29 लाख और 20 लाख डीमैट (Dematerialised Account) एकाउंट खोले गए थे। एनालिस्ट्स का कहना है कि पिछले 18 महीने में बाजार में भारी वोलैटिलिटी रही है। बाजार में अच्छी प्राइसिंग वाले आईपीओ भी नहीं आए हैं। इसके अलावा निवेशकों को इक्विटी में ( खासकर मिड और स्मॉल कैप ) में अच्छा रिटर्न भी नहीं मिला है। इन वजहों से निवेशक बाजार को लेकर बेरुखी दिखा रहे हैं।

मोतीलाल ओसवाल (MOFSL) हेमांग जानी का कहना है कि हाई बेस इफेक्ट और इक्विटी से बेहतर रिटर्न देने वाले निवेश विकल्पों की उपलब्धता कुछ ऐसे कारण हैं जिनके चलते इक्विटी मार्केट को लेकर निवेशकों का उत्साह कम हुआ है।

गौरतलब है कि आरबीआी की तरफ से ब्याज दरों में की जा रही बढ़त के चलते सरकारी बॉन्ड में निवेश करना ज्यादा फादेमंद हो गया है। इसकी वजह से इक्विटी मार्केट की तरफ पूंजी का प्रवाह कम हुआ है।

सितंबर 2021 से मार्च 2023 के बीच सेंसेक्स और निफ्टी 0.23 फीसदी और 1.5 फीसदी गिरे हैं। जबकि इस अवधि के दौरान बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

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