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अडानी ग्रुप से मिले झटके के बावजूद, भारतीय बाजार की चमक बरकरार: इमर्जिंग एशिया

इमर्जिंग एशिया की इकोनॉमिस्ट त्रिन्ह गुयेन ने कहा कि हाल की बिकवाली के बाद भी इस स्टॉक का वैल्यूशन अभी भी महंगा है। इस बिकवाली से भारतीय इक्विटी सूचकांकों पर असर तो पड़ा है लेकिन बहुत ज्यादा नहीं। उनका मानना है कि किसी परिवार के स्वामित्व वाले कारोबारी समूहों पर भारत की निर्भरता एक अच्छी बात है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 07, 2023 पर 2:40 PM
अडानी ग्रुप से मिले झटके के बावजूद, भारतीय बाजार की चमक बरकरार: इमर्जिंग एशिया
अडानी मामले पर Trinh Nguyen ने कहा कि अडानी मामले के सामने आने के बाद भारत में बिकवाली को आंधी जैसी नहीं चली। निलेशक अभी भी भारतीय बाजार को भारी अहमियत दे रहे हैं

भारतीय इक्विटीज आमतौर पर एशिया की सबसे महंगी इक्विटीज में होती हैं। इमर्जिंग एशिया (EM Asia) की इकोनॉमिस्ट त्रिन्ह गुयेन (Trinh Nguyen) ने यह कहा है। इसके उलटे हॉन्ग कॉन्ग में लिस्टेड चाइनीज कंपनियां आमतौर पर सबसे सस्ती होती हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस साल भारती इक्विटी मार्केट ने तुलनात्मक रूप से कमजोर प्रदर्शन किया है। इस साल अब तक निफ्टी ने 2 फीसदी निगेटिव रिटर्न दिया है। वहीं, सेंसेक्स ने एक दम सपाट रिटर्न दिया है।

Trinh Nguyen ने अपने ट्वीट में आगे कहा है कि हालांकि भारतीय इक्विटी बाजार में हायर रिस्क प्रीमियम के कारण 2022 में गिरावट देखने को मिली है। लेकिन भारतीय बाजार में आई ये गिरावट बहुत बड़ी नहीं रही है। वहीं, 2021 में भी इसने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि जनवरी की भारी तेजी से फिसलने के बावजूद इसके वैल्यूएशन अभी भी ज्यादा नजर आ रहे हैं।

अडानी मामले पर Trinh Nguyen ने आगे कहा कि अडानी मामले के सामने आने के बाद भारत में बिकवाली को आंधी जैसी नहीं चली। निलेशक अभी भी भारतीय बाजार को भारी अहमियत दे रहे हैं। भारत में अडानी मामले के बाद आई बिकवाली सपाट ही रही है। लेकिन इसकी वजह दूसरे बाजारों में निचले स्तरों से आ रही खरीदारी नहीं है। इसका मतलब ये है कि भारतीय बाजारों से कोई सिस्टेमेटिक निकासी नहीं हे रही है।

अडानी पर त्रिन्ह गुयेन की राय

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