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IIFL Securities के आर वेंकटरमण की सलाह, अगले 12 महीनों में 10% से ज्यादा के रिटर्न की ना करें उम्मीद

अनुमान है कि कमोडिटी की खपत करने वाली कंपनियां अपनी बढ़ी हुई लागत, वॉल्यूम से पूरी तरह समझौता किए बिना पास ऑन करने में सफल नहीं होंगी। ऐसे में पेंट्स, टायर, कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स और सीमेंट कुछ ऐसे सेक्टर हैं जिनके कमाई पर भारी दबाव देखने को मिल सकता है.

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 05, 2022 पर 12:41 PM
IIFL Securities के आर वेंकटरमण की सलाह, अगले 12 महीनों में 10% से ज्यादा के रिटर्न की ना करें उम्मीद
ऑटो स्टॉक इस समय कई वजहों से दबाव में नजर आ रहे हैं। कमोडिटीज की बढ़ती कीमतों के चलते ऑटो कंपनियों के लागत में बढ़ोतरी हुई है.

IIFL Securities के आर वेंकटरमण ने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में कहा है कि आगे हमें उन कंपनियों के मुनाफे में शानदार बढ़ोतरी देखने को मिलेगी जो कमोडिटीज का उत्पादन करती हैं। वहीं कर्ज देने वाली फाइनेंशियल सेक्टर की कंपनियों के वित्त वर्ष 2023 के अर्निंग अनुमान में कोई बड़ी कटौती की संभावना नहीं है। जबकि इसी अवधि में निफ्टी की अर्निंग में 1-2 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि अगले 12 महीनों में हमें बाजार से 10 फीसदी से ज्यादा के रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। बता दें कि आर वेंकटरमण को फाइनेंशियल सेक्टर का 3 दशक से ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध धीरे-धीरे शांति की और बढ़ता है तो कमोडिटीज की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है और इसके चलते कंपनियों के लागत में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

महंगाई कितनी बड़ी टेंशन

वर्तमान में महंगाई कितना बड़ा खतरा है इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आरबीआई के एक स्टडी से पता चलता है कि कच्चे तेल की कीमतों में 10 डॉलर की बढ़ोतरी से भारत में CPI (खुदरा महंगाई ) में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिलती है। यह आंकलन इस आधार पर किया गया है कि कीमतों में यह बढ़ोतरी पूरी तरह से पेट्रोल पंपों तक पॉस ऑन हो जाती है।

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