बॉन्ड मार्केट में कमजोरी का रुझान बना हुआ है। ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज (Barclays) का कहना है कि जब तक शेयरों की लगातार गिरावट से फिक्स्ड इनकम वाले एसेट्स को लेकर पॉजिटिव माहौल नहीं तैयार होता है, वैश्विक बॉन्ड में गिरावट जारी रहेगी। एनालिस्ट अदय राजाध्यक्ष के नोट के मुताबिक यील्ड को लेकर ऐसा कोई जादुई स्तर नहीं है कि उस लेवल पर यह पहुंच जाए तो बायर्स फटाफट इसकी तरफ आने लगें और बॉन्ड की तेजी टिकाऊ हो जाए। अजय का मानना है कि शॉर्ट टर्म में एक ऐसी स्थिति है जिसमें बॉन्ड में शानदार तेजी दिख सकती है, अगर रिस्क वाले एसेट्स जैसे कि शेयरों में आने वाले हफ्तों में तेज गिरावट आए।
Bond Market में क्यों है गिरावट
पिछले कुछ महीने में ट्रेजरीज की कमजोरी ने वैश्विक बांड बाजार को सदमे में डाल दिया है। बुधवार को इसकी बिकवाली कम तो हुई है। हालांकि अगर शुक्रवार को अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल डेटा उम्मीद से अधिक मजबूत आता है तो इसके चलते उतार-चढ़ाव को लेकर ट्रेडर्स काफी सावधान हैं। बार्कलेज के मुताबिक अमेरिकी सेंट्रल बैंक अपनी मौद्रिक नीतियों में नरमी लाएगा, इसके फिलहाल कोई आसार नहीं दिख रहे हैं जिसके चलते यह ट्रेजरीज का नेट सेलर बन गया है। इसके अलावा बढ़ते घाटे के चलते बांड सप्लाई में बढ़ोतरी से भी टर्म प्रीमियम बढ़ रहा है।
ट्रेजरी की मांग आगे कमजोर होने के आसार हैं क्योंकि विदेशी केंद्रीय बैंकों की तरफ से बिक्री की तुलना में खरीदारी सुस्त होगी। ट्रेजरी के सबसे बड़े होल्डर्स जापानी निवेशक इसकी बजाय घरेलू डेट को प्रमुखता दे सकते हैं क्योंकि बैंक ऑफ जापान अपनी मौद्रिक नीतियों को आसान किया है जिससे यील्ड बढ़ेगी।
इस कारण शेयरों से तय होगी बॉन्ड की चाल
बार्कलेज के अनुसार इन सब वजहों से बॉन्ड मार्केट के आगे की चाल अब शेयरों के हाथों में है। एनालिस्ट्स के मुताबिक पिछले तीन महीनों में S&P 500 इंडेक्स में 5% या इससे अधिक की गिरावट फिक्स्ड इनकम में उछाल लाने के लिए आवश्यक गिरावट से काफी कम है। बार्कलेज का कहना है कि बॉन्ड की बिकवाली इतनी चौंकाने वाली है कि शेयर एक महीने की तुलना में अब काफी अधिक महंगे हैं। इन सबको देखते हुए अजय का अनुमान है कि बॉन्ड मार्केट में गिरावट का रास्ता शेयरों की गिरावट यानी इसके वैल्यूएशन में सुस्ती से होकर गुजरता है।