बस 4 दिन और FIIs ने तोड़ डाला नवंबर का रिकॉर्ड, इन शेयरों में किया ₹23,500 करोड़ का निवेश

FIIs Buying: ऐसा लगता है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकालने के सिलसिले को रोक दिया है। दिसबंर महीने में अब तक उन्होंने शुद्ध खरीदारी की है। बस पहले 4 कारोबार दिन में ही उन्होंने 23,500 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर खरीदे हैं। खास बात यह है कि यह उनकी ओर नवंबर महीने में निकाली गई कुल राशि से भी ज्यादा रकम है

अपडेटेड Dec 06, 2024 पर 11:58 PM
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FIIs Buying: विदेशी निवेशकों ने सबसे अधिक निवेश ₹9,597 करोड़ का निवेश फाइनेंशियल शेयरों में किया है

FIIs Buying: ऐसा लगता है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकालने के सिलसिले को रोक दिया है। दिसबंर महीने में अब तक उन्होंने शुद्ध खरीदारी की है। बस पहले 4 कारोबार दिन में ही उन्होंने 23,500 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर खरीदे हैं। खास बात यह है कि यह उनकी ओर नवंबर महीने में निकाली गई कुल राशि से भी ज्यादा रकम है। बता दें कि FIIs ने इससे पहले अक्टूबर और नवंबर महीने में शेयर बाजार से कुल 1.1 लाख करोड़ रुपये निकाले थे।

NSDL के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर की शुरुआत से अब तक FIIs ने 14,964 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। वहीं NSE के अस्थायी आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी निवेशकों ने अकेले गुरुवार 5 दिसंबर को 8,539 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे इस महीने में उनकी कुल खरीद 23,503 करोड़ रुपये हो गई।

विदेशी निवेशकों की इस खरीदारी का असर शेयर बाजार पर भी दिखा और सेंसेक्स और निफ्टी पिछले लगातार 5 दिनों से तेजी के साथ बंद हो रहे हैं। इस अवधि के दौरान दोनों इंडेक्सों में 3 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई है।


एक्सपर्ट्स का मानना है कि शेयर बाजार में हालिया करेक्शन के बाद कई सेगमेंट में वैल्यूएशन आकर्षक हो गया था, जिसके चलते विदेशी निवेशकों की ओर से खरीदारी बढ़ी है। इसके अलावा उन्हें अब भारत सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर में बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिससे दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज हो सकती है। इस बीच अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चीन के मुकाबले भारत को अधिक प्राथमिकता देना भी विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ाने की वजह रही।

DRर चोकसी फिनसर्व के मैनेजिंग डायरेक्टर देवेन चोकसी ने कहा, "मेरा मानना ​​है कि भारत आने वाले सालों में दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करता रहेगा। जब तक वैल्यूएशन वाजिब बना रहेगा, FIIs के निवेश जारी रहने की संभावना है। हाल ही में, FIIs ने आकर्षक वैल्यूएशन वाले ब्लू-चिप शेयरों पर फोकस किया है, जो मिडकैप और स्मॉल-कैप शेयरों के मुकाबले बेहतर दिख रहे हैं।"

विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अक्टूबर में 87,590 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी थी। वहीं नवंबर में उन्होंने करीब 22,602 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी। हालांकि, नवंबर के दूसरे पखवाड़े में उनकी बिकवाली की रफ्तार धीमी हो गई थी और उन्होंने शुद्ध खरीदार बनकर 808 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

अक्टूबर में एफआईआई 87,590 करोड़ रुपये से अधिक के शुद्ध विक्रेता थे, इसके बाद नवंबर में 22,602 करोड़ रुपये की अतिरिक्त शुद्ध बिक्री हुई। हालांकि, नवंबर के दूसरे पखवाड़े में बिक्री की गति धीमी हो गई, जब एफआईआई शुद्ध खरीदार बन गए और 808 करोड़ रुपये का निवेश किया।

NSDL के आंकड़ों के मुताबिक, FIIs ने पिछले 4 दिनों के दौरान सबसे अधिक निवेश 9,597 करोड़ रुपये का निवेश फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर के शेयरों में किया है। वहीं दूसरे और तीसरे नंबर पर क्रमश: आईटी सेक्टर (2,429 करोड़ रुपये) और FMCG (2,184 करोड़ रुपये) रहे। बाकी सेक्टर की बात करें तो, उन्होंने रियल्टी में 1,367 करोड़ रुपये, कैपिटल गुड्स में 681 करोड़ रुपये, कंज्यूमर सर्विसेज में 471 करोड़ रुपये और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स गुड्स में 426 करोड़ रुपये निवेश किए।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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First Published: Dec 06, 2024 2:47 PM

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