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FPI फिर बने सेलर, नवंबर में अब तक भारतीय शेयरों से निकाले ₹12569 करोड़; लेकिन क्यों

FPI Selling in November: अक्टूबर में FPI ने शेयरों में 14,610 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। 2025 में अब तक FPI ने 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के भारतीय शेयर बेचे हैं। वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण विदेशी निवेशक निकट भविष्य में जोखिम भरी संपत्तियों के प्रति सतर्क रह सकते हैं

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Nov 09, 2025 पर 2:54 PM
FPI फिर बने सेलर, नवंबर में अब तक भारतीय शेयरों से निकाले ₹12569 करोड़; लेकिन क्यों
सितंबर में FPI ने 23,885 करोड़ रुपये, अगस्त में 34,990 करोड़ रुपये और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपये निकाले थे।

नवंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) फिर से सेलर बन गए हैं। कमजोर वैश्विक संकेतों और जोखिम-रहित धारणा के बीच उन्होंने नवंबर में अब तक भारतीय शेयर बाजार से 12,569 करोड़ रुपये निकाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में FPI ने शेयरों में 14,610 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। इससे पहले सितंबर में FPI ने 23,885 करोड़ रुपये, अगस्त में 34,990 करोड़ रुपये और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपये निकाले थे।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार का कहना है कि नवंबर में अब तक FPI की ओर से हर कारोबारी दिन बिकवाली जारी रही। इस ट्रेंड ने इस साल अन्य प्रमुख बाजारों की तुलना में भारत के खराब प्रदर्शन में योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि 2025 में FPI गतिविधियों की एक प्रमुख विशेषता निवेश में विविधता रही है। एक ओर हेज फंड भारत में बिकवाली कर रहे हैं, जबकि अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया और ताइवान जैसे बाजारों में खरीद कर रहे हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘भारत को वर्तमान में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के मामले में कमजोर प्रदर्शन करने वाला देश माना जा रहा है, और यही धारणा FPI की रणनीति को आकार दे रही है।’’ हालांकि, विजयकुमार ने आगे कहा कि एआई-संबंधित वैल्यूएशन अब बढ़ी हुई है। ग्लोबल टेक्नोलॉजी शेयरों में संभावित बुलबुले का जोखिम भारत में लगातार बिकवाली को सीमित कर सकता है।

निकट भविष्य में सतर्क रह सकते हैं विदेशी निवेशक

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