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भारतीय शेयरों में FPI का निवेश सुस्त पड़ा, अगस्त में डाले 12,262 करोड़ रुपये

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अगस्त में भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 12,262 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस आंकड़े में प्राथमिक बाजार और थोक सौदों के माध्यम से किया गया निवेश शामिल है। यह भारतीय शेयरों में निवेश का एफपीआई का पिछले चार माह का सबसे निचला आंकड़ा है

Edited By: Shubham Singh Thakurअपडेटेड Sep 03, 2023 पर 1:44 PM
भारतीय शेयरों में FPI का निवेश सुस्त पड़ा, अगस्त में डाले 12,262 करोड़ रुपये
भारतीय शेयर बाजारों में पिछले तीन माह में जोरदार निवेश करने के बाद अब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के प्रवाह में सुस्ती आई है।

भारतीय शेयर बाजारों में पिछले तीन माह में जोरदार निवेश करने के बाद अब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के निवेश में सुस्ती आई है। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और मुद्रास्फीति का जोखिम फिर उभरने के बीच अगस्त में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 12,262 करोड़ रुपये डाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अगस्त में भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 12,262 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस आंकड़े में प्राथमिक बाजार और थोक सौदों के माध्यम से किया गया निवेश शामिल है।

एक्सपर्ट्स की राय

मॉर्निंगस्टोर इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘एफपीआई पूरी तरह ‘यू-टर्न’ लेने के बजाय ‘देखो और इंतजार करो’ की नीति अपना रहे हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बनी हुई है। इससे एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव रहेगा।’’

श्रीवास्तव ने अगस्त में एफपीआई निवेश में आई गिरावट के लिए कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और मुद्रास्फीति के जोखिमों के फिर उभरने को प्रमुख कारक बताया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने की वजह से भी एफपीआई जोखिम वाले बाजारों से अपना निवेश निकाल रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों में लगातार तेजी की वजह से शेयरों का मूल्यांकन कुछ निवेशकों के संतोषजनक स्तर से ऊपर हो गया है।

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