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FPI लगातार दूसरे महीने रहे सेलर, नवंबर में शेयर बाजारों से निकाले ₹21612 करोड़

FPI Selling in November: शुद्ध निकासी अक्टूबर की तुलना में काफी कम हो गई है। आने वाले समय में डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में लागू होने वाली नीतियों, भूराजनीतिक गतिविधियों, महंगाई और ब्याज दर, कंपनियों की तीसरी तिमाही की इनकम से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का रुख तय होगा

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 01, 2024 पर 1:45 PM
FPI लगातार दूसरे महीने रहे सेलर, नवंबर में शेयर बाजारों से निकाले ₹21612 करोड़
वैश्विक बाजारों के मिले-जुले रुख के बीच घरेलू स्तर पर चुनिंदा दिग्गज कंपनियों के शेयरों में खरीद बढ़ने से बाजार में 29 नवंबर को अच्छी तेजी रही।

विदेशी निवेशकों ने नवंबर में भारतीय इक्विटी बाजार से 21,612 करोड़ रुपये (2.56 अरब अमेरिकी डॉलर) निकाले। इसके साथ ही वह लगातार दूसरे महीने सेलर रहे। एनालिस्ट्स के मुताबिक अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी, डॉलर की मजबूती और घरेलू अर्थव्यवस्था में मंदी के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली जारी है।

हालांकि, FPI की शुद्ध निकासी अक्टूबर की तुलना में काफी कम हो गई है। अक्टूबर में FPI ने 94,017 करोड़ रुपये (11.2 अरब अमेरिकी डॉलर) की बिकवाली की थी। FPI ने 2024 में अब तक कुल 15,019 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है। सितंबर में FPI ने शेयर बाजारों में 57,724 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो 9 महीनों का उच्चतम स्तर था।

आगे कौन से फैक्टर तय करेंगे FPI का रुख

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर मैनेजर-रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि आने वाले समय में डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में लागू होने वाली नीतियों, भूराजनीतिक गतिविधियों, महंगाई और ब्याज दर से FPI का रुख तय होगा। भारतीय कंपनियों की तीसरी तिमाही की इनकम भी निवेशकों का रुख तय करने में बड़ी भूमिका निभाएगी।

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