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Garden Reach Shares: ₹25 हजार करोड़ के नेवी प्रोजेक्ट पर शेयर रॉकेट, 11% का तगड़ा उछाल

GRSE Shares Rocketed: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) और पीएम मोदी की स्वदेशी हथियारों पर जोर ने डिफेंस स्टॉक्स में चाबी भर दी है। इन सबके बीच गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियरिंग ने भारतीय नेवी के 25 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम बोली लगाई तो शेयर 5 फीसदी उछल गए। जानिए इस प्रोजेक्ट के बारे में

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड May 22, 2025 पर 3:48 PM
Garden Reach Shares: ₹25 हजार करोड़ के नेवी प्रोजेक्ट पर शेयर रॉकेट, 11% का तगड़ा उछाल
Garden Reach Shares: दिग्गड डिफेंस कंपनी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने भारतीय नेवी के एक प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम बोली लगाई है।

Garden Reach Shares: दिग्गड डिफेंस कंपनी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने भारतीय नेवी के एक प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम बोली लगाई है। कंपनी ने इसकी जानकारी आज 22 मई को एक्सचेंज फाइलिंग में दी है। इस खुलासे का आज इसके शेयरों पर ऐसा पॉजिटिव असर दिखा कि आज ढहते मार्केट में भी यह रॉकेट की स्पीड से फटाक से 5 फीसदी ऊपर चढ़ गया। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाया लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। आज बीएसई पर यह 11 फीसदी की तेजी के साथ 2775.00 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 11.93 फीसदी की बढ़त के साथ 2798.40 रुपये के भाव पर पहुंच गया था। एक महीने में यह करीब 50 फीसदी ऊपर चढ़ चुका है।

किस प्रोजेक्ट के लिए Garden Reach ने लगाई सबसे कम बोली?

सरकारी डिफेंस कंपनी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स ने भारतीय नेवी के लिए अगली पीढ़ी के कॉर्वेट यानी लड़ाकू पानी वाले जहाज बनाने के लिए सबसे कम बोली लगाई है। सबसे कम बोली लगाने वाले को पांच जहाज बनाने का ऑर्डर मिलेगा जिकी वैल्यू 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक होगी। इस हफ्ते की शुरुआत में अपनी अर्निंग्स कॉल के दौरान कंपनी के मैनेजमेंट ने अगली पीढ़ी के इस कार्वेट (Corvette) का जिक्र किया था। कंपनी के मुताबिक यह ऑर्डर करीब 40 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है जिसे दो शिपयार्ड कंपनियों के बीच तोड़ा जाएगा। इसमें से अब सबसे कम बोली लगाने वाले को 25 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलेंगे। कंपनी ने अर्निंग्स कॉल के दौरान यह भी कहा था कि इस साल के आखिरी तक यह जहाज बनाने की अपनी क्षमता को 24 से बढ़ाकर 28 जहाज तक करना चाहती है।

एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल

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