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₹43 करोड़ का फ्लैट, ₹26 लाख का गोल्फ सेट: कंपनी के पैसे से ऐश कर रहे थे Gensol के प्रमोटर, SEBI का खुलासा

Gensol Engineering Shares: जेनसोल इंजीनियरिंग और इसके मालिकों पर कंपनी के पैसों में हेरफेर करने का बड़ा आरोप लगा है। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी के मालिकों ने लोन के पैसों का इस्तेमाल अपने लिए फ्लैट खरीदने, महंगे सामान खरीदने और यहां तक कि अपनी पत्नी और मां के खातों में पैसे ट्रांसफर करने में किए हैं। इस खबर के बाद से जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में भगदड़ मची हुई है

Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Apr 16, 2025 पर 3:49 PM
₹43 करोड़ का फ्लैट, ₹26 लाख का गोल्फ सेट: कंपनी के पैसे से ऐश कर रहे थे Gensol के प्रमोटर, SEBI का खुलासा
Gensol Engineering Shares: SEBI ने पाया कि जग्गी भाइयों ने कंपनी के पैसों का इस्तेमाल अपने निजी खर्चों के लिए भी किया

Gensol Engineering Shares: जेनसोल इंजीनियरिंग और इसके मालिकों पर कंपनी के पैसों में हेरफेर करने का बड़ा आरोप लगा है। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी के मालिकों ने लोन के पैसों का इस्तेमाल अपने लिए फ्लैट खरीदने, महंगे सामान खरीदने और यहां तक कि अपनी पत्नी और मां के खातों में पैसे ट्रांसफर करने में किए हैं। इस खबर के बाद से जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में भगदड़ मची हुई है। कंपनी का शेयर अपने शिखर से करीब 90 फीसदी गिर चुका है। अभी भी करीब एक लाख छोटे निवेशक इस शेयर में फंसे हुए हैं। यह पूरा मामला क्या है, आइए जानते हैं।

SEBI ने जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटरों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को कंपनी के डायरेक्टर पद से हटा दिया है और दोनों भाइयों को शेयर बाजार से भी बैन कर दिया गया है। SEBI ने कहा कि ये दोनों भाई जेनसोल इंजीनियरिंग के मैनेजमेंट टीम में कोई भी अहम पद नहीं ले सकते हैं।

SEBI की अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक, Gensol ने साल 2021 से 2024 के बीच IREDA और PFC से 978 करोड़ रुपये के टर्म लोन लिए थे। इनमें से 664 करोड़ रुपये का इस्तेमाल 6,400 इलेक्ट्रिक गाड़ियों को खरीदने में किया जाना था, जिसे कंपनी बाद में ब्लूस्मार्ट को लीज पर देती। इसके अलावा जेनसोल 20 प्रतिशत का अतिरिक्त इक्विटी (मार्जिन) भी देने के लिए तैयार थी, जिससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद पर आने वाला कुल खर्च बढ़कर 830 करोड़ रुपये हो गया।

लेकिन कंपनी ने फरवरी में शेयर बाजारों को भेजी एक जानकारी में बताया कि उसने अब तक सिर्फ 4,704 EVs ही खरीदे हैं। इस पर भी उसका खर्च 568 करोड़ रुपये आया है। अगर 830 करोड़ में से इसे घटाएं तो करीब 262 करोड़ रुपये का हिसाब अभी तक नहीं मिला है, जबकि कंपनी को लोन का पैसा मिले एक साल से भी अधिक समय बीत चुका है। जेनसोन को इलेक्ट्रिक गाड़ियां सप्लाई करने वाली कंपनी गो-ऑटो ने भी पुष्टि की है कि जेनसोल ने 568 करोड़ रुपये के कुल खर्च में 4,704 ईवी खरीदे हैं।

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