Global Markets : ग्लोबल मार्केट्स के लिए एक दशक से ज्यादा का सबसे बद्तर साल और बॉन्ड्स के इस सदी में सबसे बेजोड़ स्थिति में पहुंचने के बाद भी कुछ इनवेस्टर्स 2023 को इतना आसान मानने के लिए तैयार नहीं हैं। आशावादी लोग केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरों में कटौती की राह पर लौटने पर दांव लगा रहे हैं। वे चीन के कोविड आइसोलेशन से उबरने और यूरोप में संघर्ष समाप्त होने की बात कर रहे हैं। हालांकि, अन्य लोग जोखिमों पर नजर बनाए हुए हैं जिनसे बाजार में उथलपुथल मच सकती है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में नीचे 5 ऐसे कुछ खतरों का उल्लेख किया जा रहा है, जो आने वाले साल में इनवेस्टर्स की परेशानी बढ़ा सकते हैं...
फर्स्ट ईगल इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट के को-हेड (ग्लोबल वैल्यू टीम) के मैथ्यू मैक्लेनेन ने कहा, बॉन्ड मार्केट महंगाई के अगले 12 महीने में बेहद सहज स्थिति में आने की उम्मीद कर रहा है। लेकिन यह सोचना गलत भी हो सकता है। उन्होंने कहा, वेज ग्रोथ और एनर्जी कॉस्ट में बढ़ोतरी जैसे सप्लाई से जुड़े प्रेशर वास्तविक खतरे हैं। इससे कंज्यूमर प्राइस में बढ़ोतरी जारी रह सकती है।
इससे स्टॉक्स और बॉन्ड्स में कमजोरी आएगी, डॉलर मजबूत होगा और इमर्जिंग मार्केट्स की मुश्किलें बढ़ेंगी।
अक्टूबर के स्तरों से चीन के स्टॉक्स लगभग 35 फीसदी मजबूत हो चुके हैं। दरअसल, लंबे लॉकडाउन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी के पूरी तरह खुलने से बाजार को सपोर्ट मिला है। हालांकि, संक्रमण के नए मामलों से उम्मीदें कमजोर हुई हैं और आर्थिक गतिविधियों पर असर दिख रहा है।
जेपी मॉर्गन चेज की ग्लोबल मार्केट स्ट्रैटजिस्ट मार्सिल्ला ने कहा, चीन में संक्रमण बढ़ेगा और चायनीज न्यूज ईयर के एक या दो महीने बाद यह अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इकोनॉमी फिर से खुलेगी, लेकिन कोविड के रिस्क को लेकर सतर्कता बरतनी होगी।
Russia Ukraine war : निक्को एसेट मैनेजमेंट के चीफ ग्लोबल स्ट्रैटजिस्ट जॉन वेल ने कहा, यदि जंग के हालात बिगड़ते हैं और नाटो लड़ाई में सीधे शामिल होता है तो मुश्किलें बढ़ जाएंगी। दूसरा, भारत और चीन जैसे रूस के ट्रेडिंग पार्टनर्स पर अगर प्रतिबंध लगता है तो इसके हालात खासे गंभीर होंगे। उन्होंने कहा, यह दुनिया के फूड, एनर्जी और फर्टिलाइजर, मेटल्स और केमिकल जैसे मार्केट के लिए बड़ा झटका होगा।
इमर्जिंग मार्केट्स में गिरावट
कई इनवेस्टर्स 2023 में डॉलर की मजबूती में कमी और एनर्जी कॉस्ट में गिरावट की उम्मीद करते हैं। इन दोनों फैक्टर्स से निश्चित रूप से इमर्जिंग मार्केट्स को राहत मिलेगी। एएमपी सर्विसेज के हेड (इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी और इकोनॉमिक्स) शेन ओलिवर ने कहा, हम एक साल और इमर्जिंग मार्केट्स को संघर्ष करता देख सकते हैं। ऐसी संभावना है कि अमेरिकी डॉलर इमर्जिंग मार्केट देशों के खिलाफ काम करेगा, क्योंकि ज्यादातर डॉलर में कर्ज है।
Covid-19 का एक ज्यादा खतरनाक या जानलेवा स्ट्रेन या मौजूदा वेरिएंट एक बार फिर से सप्लाई चेन को बाधित कर सकता है। इससे महंगाई फिर से बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती आएगी।