RIL में मुकेश अंबानी की लीडरशिप के बेमिसाल 20 साल, अब आगे के लिए क्या है मेगा प्लान
RIL का मार्केट कैप और आय में इन बीस सालों में डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिली। कंपनी का इस दौरान मार्केट कैप 41,989 करोड़ रुपये से बढ़कर 17,81,841 करोड़ रुपये हो गया। आय के आंकड़ों पर नजर डालें तो कंपनी की आय FY 2001-02 में 45,411 करोड़ रुपये से बढ़कर FY 2021-22 में 7,92,756 करोड़ रुपये हो गई
रिलायंस इंडस्ट्रीज मुकेश अंबानी की लीडरशिप के 20 साल पूरे होने का जश्न मना रही है। इन 20 सालों में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कामयाबी की नई मिसाल पेश की है। मुकेश अंबानी ने सफलता की एक ऐसी लकीर खींच दी है कि उसे पार करना किसी के लिए भी मुश्किल है। मुकेश अंबानी की लीडरशिप में निवेशकों ने भी खूब WEALTH CREAT किया यानी कि पैसे बनाये हैं। इन बेमिसाल 20 साल का सफर कैसा रहा। कंपनी ने कहां से कहां तक का मुकाम हासिल किया है। किन सेक्टर्स में कंपनी ने हाथ आजमाये और अब किन सेक्टर्स में कंपनी हाथ आजमाने की योजना बना रही है। इस पर सीएनबीसी-आवाज़ के सुमित मेहरोत्रा से जानते हैं मुकेश अंबानी की लीडरशिप में कैसे रहे रिलायंस के 20 साल और आगे का मेगा प्लान-
लीडरशिप के बेमिसाल 20 साल
सुमित ने कहा कि RIL में मुकेश अंबानी के CMD के तौर पर 20 साल पूरे हुए हैं। उन्होंने 2002 में RIL की कमान संभाली थी। इसके बाद 20 सालों में RIL को वे नई ऊंचाई पर ले गये। पिछले 20 सालों से कंपनी ने आय, मुनाफा, नेटवर्थ, एसेट, मार्केट कैप में डबल डिजिट ग्रोथ दिखाई है।
RIL का मार्केट कैप और आय
इन बीस सालों में कंपनी का मार्केट कैप 41,989 करोड़ रुपये से बढ़कर 17,81,841 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी की CAGR ग्रोथ 20.6% रही। वहीं आय के आंकड़ों पर नजर डालें तो FY 2001-02 में कंपनी की आय 45,411 करोड़ रुपये से बढ़कर FY 2021-22 में 7,92,756 करोड़ रुपये रही। इस दौरान इसमें CAGR ग्रोथ 15.4% रही।
कंपनी के मुनाफे के आंकड़ों पर नजर डालें तो FY 2001-02 में कंपनी का मुनाफा 3,280 करोड़ रुपये से बढ़कर FY 2021-22 में 67,845 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान इसमें CAGR ग्रोथ 16.3% रही। एक्सपोर्ट देखें तों FY 2001-02 में कंपनी ने 11,200 रुपये का एक्सपोर्ट किया था जबकि 2021-22 में कंपनी ने 2,54,970 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट किया है।
साल 2002 में कंपनी का एसेट 48,987 करोड़ रुपये रहा था जबकि 2022 में कंपनी का एसेट बढ़कर 14,99,665 करोड़ रुपये हो गया। RIL की नेटवर्थ
2002 में 27,977 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022 में 6,45,127 करोड़ रुपये हो गई।
20 सालों में RIL के निवेशकों की चांदी और कंपनी के नये बिजनेस
इन 20 सालों में कंपनी के निवेशकों की वेल्थ 17.4 लाख करोड़ रुपये बढ़ी। कंपनी की वेल्थ में हर साल करीब 87,000 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। इन 20 सालों में कंपनी ने नये दमदार बिजनेस शुरू किये। 2006 में रिलायंस रिटेल, 2009 में E&P कारोबार और 2016 में कंपनी ने रिलायंस जियो कंपनी के जरिये टेलीकॉम कारोबार शुरू किया।
वहीं पिछले 20 सालों में कंपनी का रिफाइनिंग और पेट्रोकेम कारोबार कई गुना बढ़ा। कंपनी ने 2002 में 1 रिफाइनरी, 2009 में दूसरी रिफाइनरी लगाई। कंपनी की रिफाइनरी क्षमता दोगुनी बढ़ी। जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा रिफाइनिंग कैंपस भी बना।
रिलायंस फाउंडेशन ने बदली जिंदगी
2010 में नीता अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस फाउंडेशन की शुरूआत की गई। इसके जरिये अब तक 6.3 करोड़ लोगों को मदद की गई है। ग्रामीण सशक्तिकरण, न्यूट्रिशन, शिक्षा, खेल में फाउंडेशन योगदान देता है। रिलायंस फाउंडेशन CSR में सबसे आगे है।
रिलायंस जियो की डेटा क्रांति
रिलायंस जियो ने देश में डेटा क्रांति लाई। इसकी वजह से डेटा का रेट पहले के 500 रुपये/ GB के मुकाबले आज 12 रुपये/ GB है। डेटा की खपत में देश की रैंकिंग 2016 में 150 थी जबकि 2018 में रैकिंग नंबर 1 पर आ गई।
रिलायंस रिटेल ने वैश्विक ब्रांड्स को इंडिया में लाने की ओर भी कदम बढ़ाया। अब मेट्रो शहरों के साथ साथ छोटे शहरों में भी दुनिया के जाने-माने ब्रांड के प्रोडक्ट्स उपलब्ध है।
अब आगे के लिए क्या है मेगा प्लान
मुकेश अंबानी का मेगा फ्यूचर प्लान है। इसके तहत उनकी न्यू एनर्जी बिजनेस में 75,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है। न्यू एनर्जी बिजनेस के लिए जामनगर में 5 गीगा फैक्ट्री लगाई जायेगी। पहली बार 'quartz-to-module' टेक्नोलॉजी का उपयोग होगा। इसकी वजह से सबसे कम लागत में सोलर और ग्रीन हाइड्रोजन उपलब्ध कराया जा सकेगा।
मुकेश अंबानी ने मिशन ग्रीन के तहत 2035 तक नेट कार्बन जीरो का लक्ष्य रखा है। सोलर PV सेल फैक्ट्री की क्षमता 2024 तक 10GW करना है और 2026 तक इसकी क्षमता को बढ़ाकर 20GW करना है। यानी कि सिर्फ दो सालों में क्षमता दोगुनी करनी है।
कंपनी ने 2020-21 में 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए हैं। वहीं FY2021 में RIL के जरिए देश में सबसे ज्यादा FDI आया है। फ्यूल रिटेलिंग के लिए BP के साथ कंपनी की पार्टनरशिप हो चुकी है। JIO-BP ब्रांड के नाम से इसका आउटलेट भी बना है।
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)
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