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HAL Share Price: डिफेंस मिनिस्ट्री से ₹62700 करोड़ का ऑर्डर, 7% से अधिक उछल गए शेयर

HAL Share Price: मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने एचएएल के साथ 62700 करोड़ रुपये के दो कॉन्ट्रैक्ट्स साइन किए। इन कॉन्ट्रैक्ट्स ने हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स (HAL) के शेयरों की चमक बढ़ा दी और आज ये रॉकेट बन गए। जानिए डिफेंस कंपनी को कैसे कॉन्ट्रैक्ट्स मिले हैं जिसके चलते शेयरों की खरीदारी बढ़ी है और शेयरों में निवेश को लेकर ब्रोकरेज फर्म का क्या कहना है?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Apr 01, 2025 पर 3:46 PM
HAL Share Price:  डिफेंस मिनिस्ट्री से ₹62700 करोड़ का ऑर्डर, 7% से अधिक उछल गए शेयर
मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने 28 मार्च को HAL के साथ दो कॉन्ट्रैक्ट्स साइन किए। ये कॉन्ट्रैक्ट्स 62,700 करोड़ रुपये के हैं जिसके तहत 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स (LCH) प्रचंड की ट्रेनिंग और अन्य सहयोगी इक्विपमेंट के साथ सप्लाई करना है।

HAL Share Price: डिफेंस सेक्टर की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के शेयर में आज खरीदारी का जोरदार रुझान दिखा। डिफेंस मिनिस्ट्री ने इसके साथ दो कॉन्ट्रैक्ट किए हैं जिसने शेयरों की चमक बढ़ाई है। ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज तो पहले ही इस स्टॉक पर फिदा है। अब डिफेंस मिनिस्ट्री से 62700 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिलने पर शेयरों को और सपोर्ट मिल गया। आज बीएसई पर यह 1.09 फीसदी की बढ़त के साथ 4221.70 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 7.59 फीसदी उछलकर 4492.80 रुपये के भाव तक पहुंच गया था।

कैसा ऑर्डर मिला है HAL को?

मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने 28 मार्च को एचएएल के साथ दो कॉन्ट्रैक्ट्स साइन किए। ये कॉन्ट्रैक्ट्स 62,700 करोड़ रुपये के हैं जिसके तहत 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स (LCH) प्रचंड की ट्रेनिंग और अन्य सहयोगी इक्विपमेंट के साथ सप्लाई करना है। पहला कॉन्ट्रैक्ट इंडियन एयरफोर्स को 66 एलसीएच और दूसरा कॉन्ट्रैक्ट इंडियन आर्मी को 90 एलसीएच की सप्लाई से जुड़ा है। इनकी सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट के तीसरे साल से शुरू होगी और अगले पांच वर्षों तक जारी रहेगी। एलसीएच देश का पहला स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जो 5000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। एचएएल जो हेलीकॉप्टर सप्लाई करेगी, उसमें 65% से अधिक की सामग्री स्वदेशी रखने की योजना है। इसमें 250 से अधिक घरेलू कंपनियां को फायदा मिलेगा, जिनमें अधिकतर एमएसएमई होंगी और इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से 8,500 से अधिक नौकरियों के अवसर तैयार होंगे।

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