Stock Market News: पिछले गणतंत्र से इस गणतंत्र तक इक्विटी मार्केट में शानदार तेजी रही। एक साल में इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स Nifty 50 की बात करें तो यह 19 फीसदी से थोड़ा अधिक मजबूत हुआ है। इसमें से अधिकतर तेजी मई और सितंबर 2023 के बीच दिखी और फिर दिसंबर में इसने जोश दिखाया। वहीं बाकी अवधि में मार्केट में कंसालिडेशन का माहौल रहा। मिडकैप और स्मॉलकैप के इंडेक्सों की बात करें तो निफ्टी मिडकैप 100 इस दौरान 54 फीसदी और स्मॉलकैप 100 भी 64 फीसदी मजबूत हुआ है। अब इंडिविजुअल स्टॉक्स की बात करें तो निफ्टी 500 इंडेक्स के 68 शेयर 25 जनवरी 2023 के क्लोजिंग प्राइस से 25 जनवरी 2024 तक क्लोजिंग प्राइस के हिसाब से मल्टीबैगर साबित हुए हैं। इस दौरान निफ्टी 500 भी 28 फीसदी ऊपर चढ़ा है।
इन शेयरों में दिखी शानदार तेजी
पिछले गणतंत्र दिवस से इस गणतंत्र दिवस के बीच सबसे अधिक तेजी रियल्टी, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU), इंफ्रा, ऑटो, फार्मा और एनर्जी स्टॉक्स में दिखी। इनमें 38 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक उछाल दिखा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इनमें से आधे से भी अधिक जैसे कि पीएसयू, रेलवे समेत इंफ्रा, और एनर्जी में कैपिटल एक्सपेंडिचर के चलते ग्रोथ की वजह से आगे भी तेजी दिख सकती है। सबसे अधिक तेजी रेलवे शेयरों में रही और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) टॉप पर रहा जिसके शेयर इस दौरान 444 फीसदी उछले। सबसे अधिक मल्टीबैगर पावर और एंसिलरीज सेक्टर से निकले।
किस बात से मिला मार्केट को सपोर्ट और आगे क्या है रुझान
Invasset PMS के पार्टनर और फंड मैनेजर अनिरुध गर्ग का कहना है कि वैश्विक चुनौतियों के विपरीत भारत में कैपिटल एक्सपेंडिचर ने ग्रोथ का माहौल तैया किया। डिफेंस, रेलवेज, इंफ्रा, पावर और पीएसयू बैंक जैसे सेक्टर निवेश के फोकस पर आ गए। अधिकतर एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार इंफ्रा सेक्टर पर अभी और जोर देगी जिससे आने वाले समय में बेशुमार मौके बने रहेंगे। ओमनीसाइस कैपिटल के एग्जेक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और पोर्टफोलियो मैनेजर अश्विनी शामी के मुताबिक पावर, रेलवे इंफ्रा और क्लीन-टेक स्पेस में बेशुमार मौके हैं।
अब अगर बेंचमार्क इंडेक्सों की बात करें इनमें ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों, कमाई की मजबूत ग्रोथ और लोकसभा चुनाव में सरकार की वापसी के चलते मौजूदा नीतियों के जारी रहने की उम्मीदों ने चाबी भरी। इसके अलावा घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII), कच्चे तेल की स्थायी कीमतें और इकनॉमिक रिफॉर्म ने भी इसे तगड़ा सपोर्ट किया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब आने वाले साल में इस तरह का रिटर्न नहीं मिल पाएगा। उन्हें उम्मीद है कि इस साल बाजार में करीब 10 फीसदी या उससे थोड़ा कम रिटर्न मिलेगा। भारत और अमेरिका में चुनाव और अमेरिका में दरों पर निगाहों के चलते मार्केट में काफी उठा-पटक रह सकती है।
Narnolia Financial Services के मुख्य निवेश अधिकारी शैलेंद्र कुमार का कहना है कि 2024 के दौरान प्रमुख भू-राजनीतिक घटनाओं और चुनाव परिणामों के साथ-साथ, अमेरिकी फेड नीतियों के रुझान से यह होगा कि बाजार 2024 में कैसे आगे बढ़ेगा।
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