COVID-युग के बाद ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी और इसके कारण ग्लोबल इकोनॉमी के धीमे पड़ने की आशंका के कारण भारतीय आईटी स्पेस दलाल स्ट्रीट पर भारी दबाव के दौर से गुजर रहा है। महंगाई और ब्याज दरों में बढ़ोतरी का संयोजन दुनिया भर के बाजारों के लिए बहुत ही घातक बन कर उभरा है। यहां तक की डॉलर के मुकाबले रुपए के ऑलटाइम लो पर पहुंचने के बावजूद निफ्टी आईटी की गिरावट पर कोई रोक नहीं लगी है। बता दें कि डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी को आईटी इंडस्ट्री के लिए अच्छा माना जाता क्योंकि इससे विदेशों में डॉलर में होने वाली उनकी आय की रूपए में वैल्यू बढ़ जाती है।
