टीसीएस यानी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज एक जाना पहचाना आईटी स्टॉक है। आपको इसकी पहचान कराने की जरुरत नहीं है। कंपनी भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी है जो दुनिया भर के 46 से ज्यादा देशों में 250 ऑफिसों के जरिए काम करती है। कंपनी अपने निवेशकों के लिए जबरदस्त वेल्थ क्रिएटर भी साबित हुई है। आइए एक स्टॉक पर डालते हैं एक नजर।
अगर आपने 10 साल पहले टीसीएस में 1 लाख रुपये लगाए होते तो आज आपको 6.32 लाख रुपये मिलते। 10 साल में इस स्टॉक में 532 फीसदी का जोरदार रिटर्न दिया है। इसी अवधि में निफ्टी 50 ने 266.1 फीसदी का रिटर्न दिया है। इसके साथ ही यह स्टॉक अपनी लिस्टिंग के बाद से ही लगातार मजबूत प्रदर्शन करता रहा है।
टीसीएस 2004 में बाजार में लिस्ट हुआ था। अपनी लिस्टिंग के बाद से अब तक इस स्टॉक ने 2,689.7 फीसदी का रिटर्न दिया है जबकि इसी अवधि में निफ्टी 50 ने 991.3 फीसदी का रिटर्न दिया है।
इसके अलावा कंपनी ने दूसरी आईटी कंपनी की तुलना में भी बेहतर प्रदर्शन किया है। अगर इंफोसिस से इसकी तुलना की जाए तो 10 साल में टीसीएस के शेयरों ने 532 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं इंफोसिस ने 409 फीसदी का रिटर्न दिया है।
टीसीएस के शानदार प्रदर्शन के कारणों पर नजर डालें तो टीसीएस भारत की सबसे बड़ी आईटी सर्विस देने वाली कंपनी है। डिजिटल आईटी सेवाओं में कंपनी की मजबूत पैठ ने इसको दूसरी प्रतिद्वंदी कंपनियों पर बढ़त बनाने में सहायता दी है। इसके अलावा कंपनी के पास भारत में सबसे बड़ा टैलेंट पूल है। इसके साथ ही दूसरी आईटी कंपनियों की तुलना में इसकी एट्रिशन रेट कम है जबकि दूसरी तरफ इंफोसिस की एट्रिशन रेट इंडस्टी में सबसे ज्यादा है।
बड़े टैलेंट पूल और कम एट्रिशन रेट के चलते कंपनी कोरोना महामारी बाद के समय में आईटी सेक्टर के लिए बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम रही है। इसके अलावा टीसीएस को 2 करोड़ डॉलर से 5 करोड़ डॉलर और उससे भी ज्यादा 10 करोड़ डॉलर तक के बड़े ग्राहकों को जोड़ने में बड़ी सफलता हासिल हुई है। वित्त वर्ष 2021 की आखिरी तिमाही में टीसीएस को 30 डील मिली है जबकि इसी अवधि में इंफोसिस को सिर्फ 9 डील मिली है।
डील को समय से पूरा करने में कंपनी का रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है। कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर नजर डालें तो वो भी काफी मजबूत रहा है। पिछले 10 साल में कंपनी की आय और मुनाफे में सालाना आधार पर 16 फीसदी और 13.8 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। कंपनी का 10 साल का औसत नेट प्रॉफिट मार्जिन 21.9 फीसदी रहा है।
टीसीएस के शेयरहोल्डरों को ना सिर्फ कैपिटल एप्रीसिएशन (appreciation)से कमाई हुई है बल्कि उनको कंपनी से लगातार डिविडेंड भी मिलता रहा है। कंपनी पिछले 10 साल में शेयर धारको को प्रति वर्ष औसतन 41.2 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देती रही है।
कंपनी की आगे की संभावनाओं पर बात करें तो कोरोना के पहली लहर के दौरान कंपनी के रेवेन्यू पर कुछ दबाव देखने को मिला था लेकिन साल के अंत तक इसमें जोरदार रिकवरी आती दिखी। कोरोना महामारी ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की मांग बढ़ा दी है जिसका फायदा टीसीएस को मिला। जिसके चलते कंपनी ने मार्च 2021 तिमाही में अब तक के सबसे ज्यादा ऑर्डर हासिल किए। वित्त वर्ष 2021 में टीसीएस के ऑर्डर बुक की टोटल कॉन्ट्रेक्ट वैल्यू 31.6 अरब डॉलर के ऑल टाईम हाई पर थी। मजबूत डील पाइपलाइन , आउटसोर्सिंग और ट्रांसफॉर्मेशन सर्विसेस के लिए बढ़ती मांग से आगे टीसीएस को और फायदा होने की उम्मीद है।