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मार्केट के अगले उछाल में लार्ज कैप्स करेंगे लीड, गिरे हुए स्मॉल कैप्स के पीछे भागने के लालच से बचें - जिमीत मोदी

इतिहास पर नजर डालें तो साफ होता है कि हम एक ऐसे दौर की शुरुआत में हैं जहां बड़ी कंपनियां मार्केट को लीड करती हैं, मार्केट को मजबूत करती हैं और उसे स्टेबलाइज़ करती हैं। फिर इसके बाद शादी के जश्न में छोटी-मझोली कंपनियां भी बाराती बन कर शामिल हो जाती हैं

Translated By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Dec 07, 2025 पर 2:38 PM
मार्केट के अगले उछाल में लार्ज कैप्स करेंगे लीड, गिरे हुए स्मॉल कैप्स के पीछे भागने के लालच से बचें - जिमीत मोदी
उम्मीद है कि नए फेड चेयरमैन 2026 में रेट कट की गति को तेज़ करेंगे। ग्लोबल रेट कम होने का मतलब है कि इमर्जिंग मार्केट में लिक्विडिटी की बाढ़ आएगी

हाल ही में निफ्टी 26,000 और सेंसेक्स को 86,000 के पार जाता दिखा है। दोनों ने नए ऑल-टाइम हाई बनाए हैं। मार्केट की हेडलाइंस जश्न वाली हैं। लेकिन अगर आप अपना पोर्टफोलियो चेक करेंगे,तो कहानी शायद बहुत अलग लगेगी। पोर्ट फोलियो में कोई खुशी नहीं है, कोई आतिशबाजी नहीं, शायद थोड़ा नुकसान भी हो। यही वह मैसेज है जो मार्केट आपको देना चाहता है। जब आप इंडेक्स की नई ऊंचाइयों की चमक के इतर देखेंगे, तो आपको पता चलेगा कि यह रैली ब्रॉड बेस्ड नहीं है। यह बड़े शेयरों का चुपचाप लीडरशिप वापस हथियाने का एक क्लासिक और ऐतिहासिक मामला है। जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप दो साल की तेज़ी के बाद अब थोड़ा आराम कर रहे हैं।

पिछले दो दशकों में कई बार इस तरह के साइकिल देखने को मिले हैं। यह पैटर्न शायद ही कभी फेल होता है। जब बाजार में रिस्क लेने की इच्छा कम होती है, लिक्विडिटी घट जाती है, वैल्यूएशन बढ़ जाते हैं और अनिश्चितता बढ़ती है, तो पैसा अपने आप सेफ्टी की ओर रुख कर लेता। भारतीय इक्विटी बाजार में,"सेफ्टी" का मतलब हमेशा एक ही रहा है और वह है लार्ज कैप कंपनियां जिनमें अच्छी लिक्विडिटी हो और जिनकी कमाई स्टेबल हो।

बाजार की तेजी में टॉप 10 शेयरों का सबसे बड़ा योगदान

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