फाइनेंशियल मार्केट्स उत्सुकता से हर साल वित्तमंत्री के बजट भाषण का इंतजार करता है। इसकी वजह यह है कि इससे सरकार की प्राथमिकता और फोकस का पता चलता है। इससे शेयर बाजार को यह अंदाजा लगाने में मदद मिलती है कि आगे किन शेयरों में नरमी और किनमें सुस्ती आ सकती है। बॉन्ड मार्केट की नजरें बजट में होने वाले कुछ खास ऐलान पर होती हैं। इनमें फिस्कल डेफिसिट का टारगेट और सरकार बॉन्ड्स के जरिए कर्ज लेने का सरकार का प्लान शामिल हैं। कई बार फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स और शेयरों पर इन ऐलान का अलग-अलग तरह से असर पड़ता है। उदाहरण के लिए बजट में सरकार के खर्च बढ़ाने के ऐलान का स्टॉक मार्केट स्वागत करता है, जबकि इसका बॉन्ड मार्केट के सेंटिमेंट पर खराब असर पड़ सकता है।