भारतीय बाजारों ने मध्य अगस्त से अब तक दुनिया के तमाम बड़े बाजारों की तुलना में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है । सुधरते मैक्रो इकोनॉमिक आउटलुक, विदेशी निवेशकों की तरफ से लौटी खरीदारी और कमोडिटी की कीमतों में नरमी से भारतीय बाजार को सपोर्ट मिला है। अमेरिका में ब्याज दरों की उम्मीद के चलते ग्लोबल मार्केट में दबाव देखने को मिल रहा है। भारत भी इस दबाव से अछूता नहीं है। फिर भी दूसरे बाजारों की तुलना में भारतीय बाजारों में कम गिरावट आई है। यहां तक की हाल के कुछ कारोबारी सत्रों के इसमें निचले स्तरों से काफी अच्छा सुधार ही देखने को मिला है।