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इंडियन मार्केट में किसी तरह का फंडामेंटल क्राइसिस नहीं, FII का निवेश जारी रहा तो बढ़ सकती है तेजी

पिछले कुछ हफ्तों में विदेशी फंडों का रुख इंडियन मार्केट को लेकर बदला है। इसकी वजह इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन हो सकती है। बीते छह महीनों से जारी गिरावट के बाद इंडियन स्टॉक्स की वैल्यूएशन अट्रैक्टिव हो गई है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Mar 29, 2025 पर 9:56 AM
इंडियन मार्केट में किसी तरह का फंडामेंटल क्राइसिस नहीं, FII का निवेश जारी रहा तो बढ़ सकती है तेजी
नरेन ने इनवेस्टर्स को पोर्टफोलियो में ज्यादा रिस्क नहीं लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अभी निवेशकों को इक्विटी में ज्यादा निवेश बढ़ाने की जगह बैलेंस्ड एप्रोच अपनाना चाहिए।

इंडियन स्टॉक मार्केट के अच्छे प्रदर्शन को लेकर आपको किसी तरह का संदेह है तो आपको एस नरेन की बातों पर गौर करना चाहिए। नरेन आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर हैं। उन्होंने कहा है कि इंडियन स्टॉक मार्केट के साथ कोई बड़ी प्रॉब्लम नहीं है। सिर्फ हाई वैल्यूएशन एक चैलेंज है। 100 अरब डॉलर से ज्यादा एसेट्स का प्रबंधन कर रहे नरेन ने ब्लूमबर्ग न्यूज को दिए इंटरव्यू में स्टॉक मार्केट्स और इनवेस्टमेंट के बारे में कई बड़ी बातें बताईं।

इन बातों का ग्लोबल मार्केट्स पर पड़ सकता है असर

नरेन (S Naren) ने कहा कि उनका फंड हाउस लार्जकैप कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश बढ़ा रहा है। इस बीच, ग्लोबल मार्केट्स की नजरें अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) पर है। यह आगे पता चलेगा कि 2 अप्रैल से लागू होने जा रहे रेसिप्रोकल टैरिफ का किस तरह से असर पड़ने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, अमेरिकी टैरिफ, जियोपॉलिटकल इश्यूज और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी चीजें आगे ग्लोबल मार्केट्स पर असर डाल सकती हैं।

छह महीने पहले के मुकाबले बढ़ा इंडियन मार्केट्स का अट्रैक्शन

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