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Rubicon Research के शेयरों में अब भी निवेश का मौका? 16 अक्टूबर को हुई थी लिस्टिंग

Rubicon Research Shares: फार्मा कंपनी रुबिकन रिसर्च के शेयरों की करीब दो हफ्ते पहले घरेलू स्टॉक मार्केट में धाकड़ एंट्री हुई थी। अगर आपने भी इस पर दांव लगाया था और अभी तक बेचा नहीं है या लिस्टिंग के बाद इसके शेयरों की खरीदारी की तो ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि इसे अभी और होल्ड कर सकते हैं। जानिए इसके शेयर किस भाव तक जा सकते हैं और ब्रोकरेज इस पर फिदा क्यों है?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Nov 01, 2025 पर 4:03 PM
Rubicon Research के शेयरों में अब भी निवेश का मौका? 16 अक्टूबर को हुई थी लिस्टिंग
Rubicon Research तेजी से आगे बढ़ी रही आरएंडडी वाली एक फार्मा मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है।

Rubicon Research Shares: रुबिकान रिसर्च के शेयर आईपीओ निवेशकों की पूंजी अब तक 27% से अधिक बढ़ा चुके हैं। इसके शेयरों की घरेलू स्टॉक मार्केट में करीब दो हफ्ते पहले 16 अक्टूबर को एंट्री हुई थी। अब घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने इसे खरीदने की सलाह दी है और जो टारगेट प्राइस फिक्स किया है, वह इसके ₹485 के आईपीओ प्राइस से 52% से अधिक अपसाइड है। इसके शेयरों के मौजूदा स्थिति की बात करें तो एक कारोबारी दिन पहले 31 अक्टूबर को 1.49% की बढ़त के साथ ₹618.40 पर बंद हुए। इसके शेयर 29 अक्टूबर 2025 को ₹639.10 के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचे थे यानी कि आईपीओ निवेशकों की पूंजी करीब 32% बढ़ गई थी।

Rubicon Research पर क्यों हुआ मोतीलाल ओसवाल फिदा?

रुबिकॉन रिसर्च तेजी से आगे बढ़ी रही आरएंडडी वाली एक फार्मा मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है। इसका फोकस रेगुलेटेड मार्केट पर है। ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी पिछले कुछ समय से दमदार बनकर उभरी है। वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 के बीच कंपनी का रेवेन्यू सालाना 60% की चक्रवृद्धि रफ्तार (CAGR) से बढ़कर करीब ₹1280 करोड़ पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी ₹39.2 करोड़ के ऑपरेशनल लॉस से 19.9% के मार्जिन के साथ वित्त वर्ष 2025 में करीब ₹250 करोड़ के ऑपरेटिंग मुनाफे पर पहुंच गई। इस दौरान कंपनी वित्त वर्ष 2022 में ₹67.1 करोड़ के शुद्ध घाटे से वित्त वर्ष 2025 में करीब ₹130 करोड़ के शुद्ध मुनाफे में पहुंच गई। वित्त वर्ष 2025 में इसका RoE (रिटर्न ऑन इक्विटी) 29% रहा।

ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि नसल स्प्रे समेत जेनेरिक्स में नई लॉन्च, सीएनएस थेरेपी में प्रेस्क्रिप्शन आधारित बिजनेस पर फोकस बढ़ाने और स्थायी आरएंडडी प्रोडक्टिविटी के साथ-साथ सप्लाई में कम से कम फेल्योर और हाई कॉमर्शियल रेट बनाए रखने के लिए सप्लाई चेन मैनेजमेंट पर फोकस से इसे सपोर्ट मिल सकता है। मोतीलाल ओसवाल का कैलकुलेशन है कि वित्त वर्ष 2025-28 के बीच इसका रेवेन्यू सालाना 29%, ऑपरेटिंग प्रॉफिट 32% और शुद्ध मुनाफा 43% की चक्रवृद्धि रफ्तार (CAGR) से बढ़ सकता है।

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