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Pakistan News: 'सेना ने पाकिस्तान का ग्लोबल रुतबा बढ़ाया'; आसिम मुनीर ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर फिर किया फर्जी दावा

Pakistan News: पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने दावा किया कि इस्लामाबाद का ग्लोबल रुतबा बढ़ा है। जनरल हेडक्वार्टर्स (GHQ) में आयोजित एक इवेंट में मुनीर ने कहा कि मरका-ए-हक के दौरान उनकी सेना ने जो प्रोफेशनलिज्म और कमिटमेंट दिखाया। उसने देश को दुनिया के मैप पर ला खड़ा किया

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Nov 26, 2025 पर 6:25 PM
Pakistan News: 'सेना ने पाकिस्तान का ग्लोबल रुतबा बढ़ाया'; आसिम मुनीर ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर फिर किया फर्जी दावा
Asim Munir News: आसिम मुनीर फिर एक बार पाकिस्तानी सेना के कसीदे पढ़ते दिखाई दिए

Pakistan News: पाकिस्तान के सेना चीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने बुधवार (26 नवंबर) को 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान अपने देश की तथाकथित 'अचीवमेंट्स' के बारे में एक और बेतुका बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि इससे इस्लामाबाद का ग्लोबल रुतबा बढ़ा। जनरल हेडक्वार्टर्स (GHQ) में आयोजित एक इवेंट में मुनीर ने कहा कि मरका-ए-हक के दौरान उनकी सेना ने जो प्रोफेशनलिज्म और कमिटमेंट दिखाया। उसने देश को दुनिया के मैप पर ला खड़ा किया।

'मरका-ए-हक' एक शब्द है। इसका इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना भारत के साथ 22 अप्रैल के पहलगाम हमले से लेकर 10 मई तक के संघर्ष के समय को बताने के लिए करती है। मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया में एक अहम देश है। यह कमेंट उनकी पहले की बातों जैसा ही है, जो उन्होंने पहलगाम हमले से पहले अप्रैल में की थीं। इस भाषण में उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच धार्मिक भेदभाव का जिक्र किया था।

हालांकि, भाषण की पाकिस्तान में ही काफी आलोचना हुई थी। इसी बयान को पहलगाम हमले का सीधा कारण माना गया था। पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने कहा कि उनके देश की ताकत "राष्ट्रीय एकता" में है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने दुश्मनों के "नापाक इरादों" को हरा देगा। मुनीर का यह कमेंट पाकिस्तानी आर्मी की तरफ से मई में भारत के साथ हुई मिलिट्री तनातनी को "जीत" और "अचीवमेंट" के तौर पर दिखाने की एक और कोशिश थी।

पहलगाम हमले के बदले में पड़ोसी देश में 9 आतंकी ठिकानों पर सेना के हमले के बाद मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक जोरदार मिलिट्री लड़ाई हुई थी। भारत की तरफ से पाकिस्तान में खास एयरबेस पर किए गए बड़े हमलों के बाद DGMO को अपने भारतीय काउंटरपार्ट से बात करने के लिए मजबूर होना पड़ा। तब 10 मई को दोनों देश सीजफायर पर राजी हुए।

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