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कैबिनेट ने 7280 करोड़ रुपये की रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट स्कीम को दी मंज़ूरी, इम्पोर्ट पर निर्भरता कम करने पर जोर

रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट स्कीम के तहत EVs, डिफेंस और चिप्स के लिए ज़रूरी एंड-टू-एंड मैग्नेट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम बनाने के लिए पांच हाई-कैपेसिटी यूनिट्स लगान की योजना है। इसके लिए 7280 रुपए के निवेश को मंजूरी दी गई है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Nov 26, 2025 पर 6:38 PM
कैबिनेट ने 7280 करोड़ रुपये की रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट स्कीम को दी मंज़ूरी, इम्पोर्ट पर निर्भरता कम करने पर जोर
यह नई स्कीम सरकार की दूसरी योजनाओ को सफलता दिलाने में सहायक होगी,जिसमें इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन भी शामिल है,जिसका मकसद ज़रूरी इनपुट पर विदेशी निर्भरता को कम करना है

यूनियन कैबिनेट ने 26 नवंबर को 7,280 करोड़ रुपये की रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) मैन्युफैक्चरिंग स्कीम को मंज़ूरी दे दी। इसका मकसद इलेक्ट्रिक गाड़ियों, डिफेंस और स्पेस एप्लीकेशन जैसे अलग-अलग सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी परमानेंट मैग्नेट के लिए एक घरेलू इकोसिस्टम बनाना है। इस खर्च में पांच साल के लिए REPM की बिक्री पर 6,450 करोड़ रुपये का सेल्स-लिंक्ड इंसेंटिव शामिल है। इस स्कीम का मकसद इम्पोर्ट पर निर्भरता कम करना और हाई-टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन में भारत की क्षमताओं को बढ़ाना है।

भारी उद्योग मंत्रालय ने कहा, "अपनी तरह की इस पहली स्कीम का मकसद भारत में 6,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MTPA) की इंटीग्रेटेड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) मैन्युफैक्चरिंग शुरू करना है, जिससे आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और भारत ग्लोबल REPM मार्केट में एक अहम खिलाड़ी के तौर पर अपनी जगह बना सकेगा।"

परमानेंट मैग्नेट की तमाम इंडस्ट्रीज में है मांग

मिनिस्ट्री ने आगे कहा, "REPMs सबसे मज़बूत तरह के परमानेंट मैग्नेट में से एक हैं और इलेक्ट्रिक गाड़ियों, रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस और डिफेंस एप्लीकेशन के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं। यह स्कीम इंटीग्रेटेड REPM मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी बनाने में मदद करेगी, जिसमें रेयर अर्थ ऑक्साइड को मेटल में, मेटल को एलॉय में और एलॉय को फिनिश्ड REPM में बदलना शामिल है।"

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