यूनियन कैबिनेट ने 26 नवंबर को 7,280 करोड़ रुपये की रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) मैन्युफैक्चरिंग स्कीम को मंज़ूरी दे दी। इसका मकसद इलेक्ट्रिक गाड़ियों, डिफेंस और स्पेस एप्लीकेशन जैसे अलग-अलग सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी परमानेंट मैग्नेट के लिए एक घरेलू इकोसिस्टम बनाना है। इस खर्च में पांच साल के लिए REPM की बिक्री पर 6,450 करोड़ रुपये का सेल्स-लिंक्ड इंसेंटिव शामिल है। इस स्कीम का मकसद इम्पोर्ट पर निर्भरता कम करना और हाई-टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन में भारत की क्षमताओं को बढ़ाना है।
