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IndusInd Bank: इंडसइंड बैंक के सीईओ सुमंत कठपलिया ने कहा-यह क्राइसिस बैंक के लिए बड़ा इम्तिहान

IndusInd Bank Share: इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज का मामला 11 मार्च को पूरे दिन सुर्खियों में बना रहा। 10 मार्च को आई इस खबर का असर 11 मार्च को बैंक के शेयरों पर देखने को मिला। इस बीच, बैंक ने कहा है कि मामले की जांच के लिए स्वतंत्र एजेंसी की नियुक्ति हो गई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 11, 2025 पर 4:55 PM
IndusInd Bank: इंडसइंड बैंक के सीईओ सुमंत कठपलिया ने कहा-यह क्राइसिस बैंक के लिए बड़ा इम्तिहान
केंद्रीय बैंक ने इससे पहले सुमंत कठपालिया को 2023 में दो साल का विस्तार दिया था।

इंडसइंड बैंक के सीईओ सुमंत कठपालिया ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इंडसइंड बैंक की क्राइसिस बैंक के लिए एक बड़ा इम्तिहान है। 10 मार्च को डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज की खबर आने के बाद इंडसइंड बैंक सुर्खियों आ गया। 11 मार्च को स्टॉक मार्केट्स खुलते ही बैंक के शेयर क्रैश कर गए। 10 मार्च को भी बैंक के शेयरों में गिरावट आई थी, जिसकी वजह बैंक के सीईओ को सिर्फ एक साल का एक्सटेंशन था। बैंक के बोर्ड ने कठपालिया को तीन साल का एक्सटेंशन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। लेकिन, आरबीआई ने उन्हें सिर्फ एक साल का एक्सटेंशन दिया।

नहीं पता क्यों मिला सिर्फ एक साल का विस्तार

कठपालिया (Sumant Kathpalia) ने 10 मार्च को इनवेस्टर्स कॉल में कहा, "मुझे नहीं पता कि मुझे सिर्फ एक साल का एक्सटेंशन दिया गया। मुझे लगता है कि वे मेरे लीडरशिप स्किल को लेकर सहज नहीं हैं। मैं इसका सम्मान करता हूं। यह बैंक के लिए बड़ा इम्तिहान है और नए सीईओ की तलाश करने का समय है।" उन्होंने यह बात एनालिस्ट्स के इस सवाल के जवाब में कही कि रेगुलेटर ने उन्हें क्यों उम्मीद से कम एक्सटेंशन दिया। उन्होंने इंडसइंड बैंक को फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग में गड़बड़ी के खुलासे से पैदा हुई चिंता को दूर करने की भी कोशिश की।

लीडरशिप में बदलाव का असर ग्रोथ पर नहीं पड़ेगा

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