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Indusind bank share : मिट्टी में मिली इंडसइंड बैंक की साख, इसमें निवेश करने का मतलब है खतरे से खेलना

Indusind bank news: हाल में हुए ऑडिट में बैंक को 1,500 करोड़ रुपए के डेरिवेटिव नुकसान की संभावना जताई गई है। फॉरेक्स हेजिंग में गड़बड़ी के कारण पिछली तिमाहियों में मुनाफे को अधिक दिखाया गया। एक इंटरनल रिव्यू में पाया गया कि बैंक ने पिछले विदेशी मुद्रा लेनदेन से संबंधित हेजिंग कॉस्ट को कम करके आंका था। इस खुलासे से बैंक के नेटवर्थ पर 1,600-2,000 करोड़ रुपये का संभावित असर पड़ सकता

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 12, 2025 पर 12:47 PM
Indusind bank share : मिट्टी में मिली इंडसइंड बैंक की साख, इसमें निवेश करने का मतलब है खतरे से खेलना
आज सुबह ET में एक दिलचस्प खबर छपी है। RBI शायद सभी बैंकों को डेरिवेटिव्स की जांच करने को कह सकता है। ज्यादातर बड़े प्राइवेट बैंकों के अकाउंटिंक स्टैंडर्ड अच्छे होते हैं। अभी के लिए इसे सिर्फ इंडसइंड एक मामला समझा जाना चाहिए

Indusind bank share price: बाजार में इंडसइंड बैंक के शेयरों की भारी पिटाई हो रही है। इस वजह पर नजर डालें तो एक ऑडिट में मार्च में इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी पकड़ी गई है। इस खबर के बाहर आने के बाद इंडसइंड बैंक के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट आई। लेकिन आज 12 मार्च को स्टॉक को राहत मिली है और इसमें तेजी लौटी है। फिलहाल 12.20 बजे के आसपास एनएसई पर ये शेयर 25.80 रुपए यानी 3.93 फीसदी की बढ़त के साथ 682 रुपए के आसपास कारोबार कर रहा है। आज का इसका दिन का हाई 694.70 रुपए है। स्टॉक का ट्रेडिंग वॉल्यूम 81,270,409 शेयर के आसपास है।

हाल में हुए ऑडिट में बैंक को 1,500 करोड़ रुपए के डेरिवेटिव नुकसान की संभावना जताई गई है। फॉरेक्स हेजिंग में गड़बड़ी के कारण पिछली तिमाहियों में मुनाफे को अधिक दिखाया गया। एक इंटरनल रिव्यू में पाया गया कि बैंक ने पिछले विदेशी मुद्रा लेनदेन से संबंधित हेजिंग कॉस्ट को कम करके आंका था। इस खुलासे से बैंक के नेटवर्थ पर 1,600-2,000 करोड़ रुपये का संभावित असर पड़ सकता।

अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इंडसइंड बैंक पैसा सुरक्षित है ?

इसका जवाब देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल ने कहा कि इसका जवाब यह सवाल कौन पूछ रहा है, इस पर निर्भर करता है। अगर आप डिपॉजिटर हैं,तो पैसा बिल्कुल सुरक्षित है। RBI ने आज तक डिपॉजिटर का पैसा नहीं डूबने दिया है। लेकिन अगर आप शेयरहोल्डर हैं तो इस स्टॉक से तुरंत निकलें। आपको पहले के कुछ उदाहरण याद रखने होंगे। ग्लोबल ट्रस्ट बैंक और यस बैंक इसके सटीक उदाहरण हैं। खबरें हैं कि ये ऑडिट RBI ने जोर देकर करवाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडसइंड बैंक प्रोविजनिंग को लगातार टाल रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आखिर में RBI ने कहा तुरंत इसे डिक्लेयर करो। इंडसइंड बैंक की साख अब मिट्टी में मिल चुकी है। अब हो सकता है कि बीच-बीच में कवरिंग आ जाए। लेकिन इसमें निवेश करने का मतलब है खतरे से खेलना।

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