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Infosys के ₹18000 करोड़ के शेयर बायबैक में प्रमोटर्स नहीं लेंगे हिस्सा, रिटेल इनवेस्टर्स के लिए कैसे फायदेमंद है यह खबर

Infosys' Share Buyback: इंफोसिस के बोर्ड ने शेयर बायबैक को सितंबर 2025 में मंजूरी दी थी। प्रमोटर्स का शेयर बायबैक में हिस्सा न लेने का मतलब है कि वे अपने शेयर कंपनी को वापस नहीं करेंगे। कंपनी में सितंबर 2025 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 14.30 प्रतिशत हिस्सेदारी थी

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Oct 23, 2025 पर 4:06 PM
Infosys के ₹18000 करोड़ के शेयर बायबैक में प्रमोटर्स नहीं लेंगे हिस्सा, रिटेल इनवेस्टर्स के लिए कैसे फायदेमंद है यह खबर
शेयर बायबैक प्रोग्राम में कंपनी ओपन मार्केट से अपने शेयर वापस खरीदती है।

IT कंपनी इंफोसिस अपने शेयरहोल्डर्स से 18000 करोड़ रुपये के शेयर वापस खरीदने वाली है। यह कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा शेयर बायबैक होगा। 22 अक्टूबर को कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया कि नंदन नीलेकणि, एनआर नारायण मूर्ति, सुधा मूर्ति और अन्य समेत कंपनी के प्रमोटर शेयर बायबैक में हिस्सा नहीं लेंगे। इस नए अपडेट के बाद 23 अक्टूबर को कंपनी के शेयरों में 5 प्रतिशत तक की तेजी दिखी। BSE पर भाव 1545.70 रुपये के हाई तक गया। कारोबार बंद होने पर शेयर लगभग 4 प्रतिशत बढ़त के साथ 1528.85 रुपये पर सेटल हुआ।

शेयर बायबैक प्रोग्राम में कंपनी ओपन मार्केट से अपने शेयर वापस खरीदती है। ऐसा करने से बाजार में शेयरों की संख्या घट जाती है, जिससे बचे हुए शेयरों की वैल्यू बढ़ सकती है और कंपनी की प्रति शेयर आय में सुधार होता है। प्रमोटर्स का शेयर बायबैक में हिस्सा न लेने का मतलब है कि वे अपने शेयर कंपनी को वापस नहीं करेंगे। इससे यह संकेत मिलता है कि उन्हें कंपनी के भविष्य पर भरोसा है और वे अपने शेयर बनाए रखना चाहते हैं।

प्रमोटर्स के फैसले से क्यों उछला शेयर?

जब किसी कंपनी के प्रमोटर्स शेयर बायबैक में हिस्सा नहीं लेते, तो यह बाजार के लिए एक पॉजिटिव संकेत माना जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि प्रमोटर्स को कंपनी के भविष्य और उसकी ग्रोथ पर पूरा भरोसा है। साथ ही बायबैक में रिटेल निवेशकों के ज्यादा शेयर स्वीकार होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा यह भी संकेत बाजार को जाता है कि कंपनी के पास पर्याप्त कैश है और उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत है। प्रमोटर्स का कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को बरकरार रखना लॉन्ग टर्म में शेयर की कीमत बढ़ने की उम्मीद को भी मजबूत करता है।

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