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Income Tax Rule on Rent: क्या आप भी कैश में किराया देते हैं? आयकर विभाग से नोटिस आने का खतरा, ऐसे रहें सुरक्षित

Income Tax Rule on Rent: अगर आप मकान का किराया कैश में देते हैं, तो आयकर विभाग से नोटिस मिलने का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि कैश भुगतान का कोई रिकॉर्ड नहीं रहता। इसलिए हमेशा चेक, ऑनलाइन ट्रांसफर या UPI से किराया दें ताकि भुगतान का प्रमाण रहे और आप नोटिस से बच सकें।

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 23, 2025 पर 9:50 PM
Income Tax Rule on Rent: क्या आप भी कैश में किराया देते हैं? आयकर विभाग से नोटिस आने का खतरा, ऐसे रहें सुरक्षित

आज के डिजिटल युग में भी कई लोग मकान का किराया कैश में देते हैं, लेकिन यह आदत आपको आयकर विभाग से नोटिस मिलने का कारण बन सकती है। आयकर विभाग तब नोटिस भेजता है जब आपकी आय और खर्चों में असंगति देखी जाती है। कैश भुगतान का कोई प्रमाण न होने पर यह अंतर ज्यादा स्पष्ट हो जाता है और करदाता को नोटिस का सामना करना पड़ सकता है।

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि किराये का भुगतान हमेशा चेक, बैंक ट्रांसफर या UPI जैसे डिजिटल माध्यमों से ही करें ताकि आपके पास भुगतान का व्यवस्थित प्रमाण रहे। नोटिस आने पर डरने की जरूरत नहीं है, बस आपको उचित दस्तावेज जैसे रेंट एग्रीमेंट, भुगतान रसीद, मकान मालिक के पैन कार्ड की जानकारी आदि प्रदान करनी होगी। इससे आप साबित कर पाएंगे कि आपने किराया सही तरीके से और वैध रूप से दिया है।

अगर मकान का किराया ₹50,000 से अधिक है तो किराए पर टीडीएस काटना भी जरूरी हो जाता है, और मकान मालिक व किराएदार दोनों की पहचान संबंधी जानकारी जमा करनी पड़ती है। इसलिए कैश भुगतान से बचना और डिजिटल माध्यम अपनाना ही बेहतर होता है।

इस तरह का पारदर्शी और ऑनलाइन भुगतान न केवल आयकर विभाग के नोटिस से बचाएगा बल्कि आपको भविष्य में कानूनी परेशानियों से भी मुक्त रखेगा। इसलिए किराया देते समय डिजिटल माध्यम से भुगतान करना और रसीद लेना न भूलें।

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