टाटा ट्रस्ट्स ने मेहली मिस्त्री को तीन प्रमुख परोपकारी संस्थाओं के ट्रस्टी के रूप में फिर से नियुक्त करने का प्रस्ताव भेजा है। सूत्रों के मुताबिक, अगर यह मंजूर हो जाता है, तो उन्हें लाइफटाइम ट्रस्टी का दर्जा मिलेगा।

टाटा ट्रस्ट्स ने मेहली मिस्त्री को तीन प्रमुख परोपकारी संस्थाओं के ट्रस्टी के रूप में फिर से नियुक्त करने का प्रस्ताव भेजा है। सूत्रों के मुताबिक, अगर यह मंजूर हो जाता है, तो उन्हें लाइफटाइम ट्रस्टी का दर्जा मिलेगा।
मिस्त्री की मौजूदा अवधि 28 अक्टूबर को खत्म हो रही है। उनकी दोबारा नियुक्ति के लिए सभी ट्रस्टी की सर्वसम्मति जरूरी होगी। अगर नियुक्ति हो जाती है, तो 75 साल की उम्र पार करने के बाद उनकी स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
वेणु श्रीनिवासन की दोबारा नियुक्ति
टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन इमरेटस वेणु श्रीनिवासन को भी लाइफटाइम ट्रस्टी के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है। टाटा ट्रस्ट्स ने इसके लिए ट्रस्टी अनुमोदन मांगा है, जिसकी प्रतिक्रिया 23 अक्टूबर तक देनी है।
मिस्त्री ने सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट बोर्ड पर श्रीनिवासन की दोबारा नियुक्ति के समय एक मिसाल कायम की थी। उन्होंने कहा कि भविष्य में टाटा ट्रस्ट्स में सभी ट्रस्टी की दोबारा नियुक्तियों के लिए सर्वसम्मति जरूरी होगी और अगर ऐसा नहीं होगा तो वो समर्थन वापस ले लेंगे।
टाटा ग्रुप में हिस्सेदारी
सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास मिलकर टाटा सन्स में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं, शापूरजी पलोनजी ग्रुप के पास लगभग 18 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
कुछ रिपोर्टों में टाटा ट्रस्ट्स के भीतर आंतरिक मतभेद की बातें सामने आई हैं। हालांकि, टाटा ग्रुप के सूत्रों ने इसे खारिज किया है। उनका कहना है कि बड़े संस्थानों में अलग-अलग राय होना स्वाभाविक है।
विवाद पर एक्सपर्ट की राय
एक्सपर्ट का कहना है कि टाटा सन्स में गवर्नेंस और पारदर्शिता को मजबूत करने की जरूरत है। कुछ ने सुझाव दिया कि होल्डिंग कंपनी की संभावित लिस्टिंग से अधिक स्पष्टता मिलेगी। साथ ही, माइनोरिटी शेयरहोल्डर्स के लिए निकासी का रास्ता मिल सकता है।
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