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IT Stocks: आईटी कंपनियों के शेयर धड़ाम, LTIMindtree-इंफोसिस 4% तक टूटे, अमेरिका से आई बुरी खबर

IT Stocks: आईटी कंपनियों के शेयरों में आज 19 दिसंबर को तगड़ी गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के बयानों के बाद आया है, जिसमें उसमें अनुमानों से अधिक आक्रामक रुख अपनाने का संकेत दिया है। निफ्टी आईटी इंडेक्स सुबह के कारोबार में 2.4 फीसदी तक लुढ़क गया था। हालांकि बाद में इसने अपने नुकसान को कुछ कम किया, लेकिन फिर भी सुबह 10.45 बजे के करीब 1.17 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था

Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 19, 2024 पर 11:19 AM
IT Stocks: आईटी कंपनियों के शेयर धड़ाम, LTIMindtree-इंफोसिस 4% तक टूटे, अमेरिका से आई बुरी खबर
IT Stocks: फेडरल रिजर्व ने 2025 में ब्याज दरों में सिर्फ 0.50% की कटौती की बात कही है

IT Stocks: आईटी कंपनियों के शेयरों में आज 19 दिसंबर को तगड़ी गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के बयानों के बाद आया है, जिसमें उसमें अनुमानों से अधिक आक्रामक रुख अपनाने का संकेत दिया है। निफ्टी आईटी इंडेक्स सुबह के कारोबार में 2.4 फीसदी तक लुढ़क गया था। हालांकि बाद में इसने अपने नुकसान को कुछ कम किया, लेकिन फिर भी सुबह 10.45 बजे के करीब 1.17 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था। इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट एलटीआई माइंडट्री (LTIMindtree), इंफोसिस (Infosys) और एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज (L&T Technology Services) के शेयरों में देखने को मिली, जो 2-4 फीसदी तक टूट गए थे।

वेल्थमिल्स में इक्विटी मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट, क्रांति बाथिनी ने मनीकंट्रोल से बातचीत में सबसे ज्यादा निराशा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बयान से आई है। फेडरल रिजर्व ने 2025 में ब्याज दरों में सिर्फ 0.50 फीसदी की कटौती की बात कही है, जो उम्मीद से काफी कम है। एक्सपर्ट्स अगले साल 3-4 कटौतियों की उम्मीद कर रहे थे।

भारत का आईटी सेक्टर अपनी सेवाओं के एक्सपोर्ट के लिए अमेरिकी बाजार पर काफी निर्भर है। ऐसे में अगर अमेरिका में ब्याज दरें ऊंची रहती है तो इससे बॉन्ड यील्ड्स बढ़ जाता है और डॉलर मजबूत होता है। इसके चलते अमेरिकी ग्राहकों के लिए आईटी सेवाओं की लागत बढ़ जाती है और मांग में कमी आने की संभावना रहती है।

इसके अलावा, सख्त मॉनिटरी पॉलिसी अमेरिका जैसे प्रमुख बाजारों में आर्थिक ग्रोथ को धीमा कर सकती है। इसके चलते वहां की कंपनियां अपने आईटी खर्च को कम कर सकती है। इसके अलावा जनवरी 2025 में राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प के पदभार ग्रहण करने के बाद वहां की इकोनॉमी में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है। अगर टैरिफ से जुड़ी धमकियां सच हो जाती हैं, तो अमेरिका में कई वस्तुओं की लागत आसमान छू जाएगी और महंगाई में तेज उछाल देखने को मिल सकता है।

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