Get App

Jane Street के खिलाफ बढ़ सकता है जांच का दायरा, कंपनी टाल रही सुनवाई: SEBI

Jane Street vs Sebi: सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने मार्केट रेगुलेटर SEBI को निर्देश दिया है कि वह तीन हफ्तों के भीतर यह स्पष्ट करे कि आखिर क्यों उसने एल्गो ट्रेडिंग फर्म 'जेन स्ट्रीट (Jane Street) को मांगे गए सभी डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं कराए। इस मामले की अगली सुनवाई अब 18 नवंबर 2025 को होगी। जेन स्ट्रीट, एक अमेरिकी एल्गो ट्रेडिंग फर्म हैं

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Sep 09, 2025 पर 2:46 PM
Jane Street के खिलाफ बढ़ सकता है जांच का दायरा, कंपनी टाल रही सुनवाई: SEBI
Jane Street ने SEBI के 3 जुलाई 2025 के अंतरिम आदेश को चुनौती दी है

Jane Street vs Sebi: सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने मार्केट रेगुलेटर SEBI को निर्देश दिया है कि वह तीन हफ्तों के भीतर यह स्पष्ट करे कि आखिर क्यों उसने एल्गो ट्रेडिंग फर्म 'जेन स्ट्रीट (Jane Street) को मांगे गए सभी डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं कराए। इस मामले की अगली सुनवाई अब 18 नवंबर 2025 को होगी। जेन स्ट्रीट, एक अमेरिकी एल्गो ट्रेडिंग फर्म हैं।

इसने SEBI के 3 जुलाई 2025 के उस अंतरिम आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उसने जेन स्ट्रीट के भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने पर रोक लगा दी थी। जेन स्ट्रीट ने दलील दी कि रेगुलेटर ने जिन दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई की, उनमें से कई उन्हें उपलब्ध नहीं कराए गए।

SEBI का तर्क

SEBI ने ट्रिब्यूनल के सामने दलील दी कि वह अब तक 10 जीबी डेटा जेन स्ट्रीट को मुहैया करा चुका है। सेबी ने आगे कहा कि जांच अब भी जारी है और इसका दायरा और भी बड़ा हो सकता है। मार्केट रेगुलेटर के मुताबिक, Jane Street अब तक अपना जवाब दाखिल करने से बच रही है और सुनवाई को टाल रही है। SEBI के वकील ने कहा कि जांच "बहुत अहम चरण" में है और हर डॉक्यूमेंट्स साझा करना संभव नहीं है। SEBI ने इस मांग को “फिशिंग इंक्वायरी” बताया।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें