Market in 2022: इस पूरे साल ऊंची ब्याज दरें और आर्थिक सुस्ती के चलते दुनिया भर के बाजार प्रभावित रहे। घरेलू मार्केट की बात करें तो इसका वैश्विक स्तर पर सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले में शुमार रहा। इस साल बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) करीब 2 फीसदी मजबूत हुआ है। इससे आगे फिलहाल सिर्फ सिंगापुर और इंडोनेशिया के मार्केट हैं। इस साल 2022 में सबसे अधिक अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों और बैंकों ने रिटर्न दिया। वहीं टेक कंपनियों ने निवेशकों को सबसे अधिक घाटा कराया। अब आगे की बात करें तो जेपी मॉर्गन के एनालिस्ट संजय मुकिम के मुताबिक सुस्त वैश्विक ग्रोथ से भारतीय इकोनॉमी पर दबाव बढ़ सकता है। हालांकि स्ट्रक्चरल रूप से लांग टर्म अट्रैक्टिव है। इस साल इन स्टॉक्स में काफी उतार-चढ़ाव रहा।
दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) के अडानी ग्रुप की कंपनियों ने निवेशकों को इस साल जमकर रिटर्न दिया। इसकी सात कंपनियां घरेलू मार्केट में लिस्टेड हैं जिसमें से दो ने तो निवेशकों के पैसों को दोगुने से अधिक बढ़ा दिया। अडानी पॉवर को इलेक्ट्रिसिटी की बढ़ती मांग से फायदा मिला तो निफ्टी 50 जॉइन करने के बाद अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों की जमकर खरीदारी होने लगी।
एनपीए का बोझ हल्का करने के लिए बैड बैंक के निर्माण और क्रेडिट डिमांड में तेज रिकवरी के चलते इस साल बैंकों के शेयरों में शानदार रूझान दिखा। कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी उदय कोटक ने इसे सिंड्रेला मूमेंट कहा। हालांकि मैक्वायरी कैपिटल के एनालिस्ट सुरेश गणपति के मुताबिक डिपॉजिट और क्रेडिट ग्रोथ के बीच गैप पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इस साल एसबीआई करीब 25 फीसदी मजबूत हुआ है और एनालिस्ट्स के मुताबिक इसमें आगे भी तेजी दिख सकती है। वहीं कुछ बैंकों ने तो कुछ महीने में निवेशकों के पैसों को डबल कर दिया।
दिग्गज कंपनियों के IPO ने किया निराश
पिछले साल पेटीएम, पॉलिसीबाजार और नायका जैसी कंपनियों के आईपीओ ने निवेशकों को निराश किया था। इस साल भी एलआईसी ने रिकॉर्ड साइज का आईपीओ लाया था, लेकिन इसने निवेशकों को निराश किया। एलआईसी ने निवेशकों की 25 फीसदी से अधिक पूंजी डुबो दी है।
अमेरिका और यूरोप में मंदी की आशंका के चलते आईटी कंपनियों को इस साल तगड़ा झटका लगा। इंफोसिस और टीसीएस के शेयर करीब 20 फीसदी टूट गए। वहीं विप्रो के शेयर तो इस साल 45 फीसदी से अधिक टूट चुके हैं। आईटी कंपनियों के लिए यह साल वर्ष 2008 के बाद से सबसे बुरा साबित हो रहा है। जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज के एनालिस्ट अभिषेक कुमार के मुताबिक बड़ी आईटी कंपनियों के लिए अभी लंबे समय तक कठिन समय रहने वाला है।