Manufacturing PMI in June : मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने जून में लचीलापन दिखाया। वैश्विक व्यापार में लगातार बाधाओं के बावजूद फैक्टरी एक्टिविटी 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (HSBC India Manufacturing Purchasing Managers' Index (PMI) मई में 57.6 से बढ़कर 58.4 हो गया। जो इस साल इसके मजबूत प्रदर्शन का तीसरा महीना रहा। मैन्युफैक्चरिंग के लिए तिमाही नजरिये से पॉजिटिव प्रतीत हो रहा है। जून तिमाही के लिए एवरेज पीएमआई रीडिंग बढ़कर 58.1 हो गई जबकि जनवरी-मार्च अवधि में 57.4 रही थी। इससे कारखाना उत्पादन और घरेलू मांग में निरंतर गति का संकेत मिल रहा है।
फैक्टरी एक्टिविटी में यह उछाल ऐसे समय में आया है जब भारत लगातार तीसरे महीने अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ से जूझ रहा है। इससे बाहरी चुनौतियों के बीच इस सेक्टर के लचीलेपन का भी पता चलता है।
वहीं इंडस्ट्रियल आउटपुट के मोर्चे पर तस्वीर मंद नजर आ रही है। इंडस्ट्रियल आउटपुट इंडेक्स (Index of Industrial Production (IIP) के अनुसार, मई में कुल औद्योगिक गतिविधि नौ महीने के निचले स्तर 1.2 प्रतिशत पर आ गई थी। इसका मुख्य कारण भारी बारिश के कारण बिजली उत्पादन और खनन कार्य का बाधित होना था।
आईआईपी कंपोनेंट्स में, कैपिटल गुड्स और निर्माण से संबंधित उद्योग ग्रोथ के पथ पर बने रहे। लेकिन कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और नॉन ड्यूरेबल्स, डिमांड के प्रमुख इंडिकेटर्स, मई में कमतर हो गए। इससे इस सेक्टर में दबाव का संकेत मिलता है।
इन विपरीत रुझानों के साथ, वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में भारत की समग्र आर्थिक वृद्धि दर सुस्त रहने की उम्मीद है। जबकि वित्त वर्ष 25 की अंतिम तिमाही में यह 7.4 प्रतिशत रही थी।