Get App

मार्जिन फंडिंग एक लाख करोड़ रुपये के करीब, क्या यह इंडियन मार्केट के लिए चिंता की बात है?

मार्जिन फंडिंग के रास्ते रिटेल इनवेस्टर्स का निवेश काफी बढ़ा है। सीएनबीसी की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन इनवेस्टर्स के लिवरेज्ड इनवेस्टमेंट का अमाउंट बढ़कर करीब एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह अमाउंट पिछले पांच सालों में 13 गुना हो गया है। 2020 के अंत में ब्रोकरेज फर्मों की मार्जिन फंडिंग बुक सिर्फ 7,500 करोड़ रुपये की थी

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Sep 10, 2025 पर 8:03 PM
मार्जिन फंडिंग एक लाख करोड़ रुपये के करीब, क्या यह इंडियन मार्केट के लिए चिंता की बात है?
ब्रोकरेज फर्म हर हफ्ते एक्सपायरी के दिनों में हाल में आई कमी के बाद मार्जिन फंडिंग अकाउंट्स को बढ़ावा दे रहे हैं।

दुनिया के टॉप 10 मार्केट्स में इंडियन मार्केट्स का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। इसके बावजूद घरेलू निवेशकों की उम्मीद कायम है। विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार इंडियन मार्केट्स में बिकवाली कर रहे हैं। लेकिन, बाजार पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ा है, जिसका श्रेय घरेलू निवेशकों को जाता है। डोमेस्टिक इनवेस्टर्स डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तरीके से शेयरों में इनवेस्ट कर रहे हैं।

टॉप कंपनियों में घरेलू निवेशकों का निवेश FII से ज्यादा

घरेलू निवेशकों के लगातार निवेश करने से टॉप 500 कंपनियों में उनका निवेश फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FII) के निवेश से ज्यादा हो गया है। उधर, का निवेश घटकर 13 साल के निचले स्तर पर आ गया है। म्यूचुअल फंड्स में रिकॉर्ड निवेश हो रहा है। SIP से होने वाला निवेश नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। इसमें रिटेल इनवेस्टर्स के रेगुलेर निवेश का बड़ा हाथ है।

मार्जिन फंडिंग के रास्ते भी शेयरों में बढ़ रहा निवेश

सब समाचार

+ और भी पढ़ें