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Market Outlook: FY26 में निफ्टी में 12% की ग्रोथ संभव, फ्लोरो केमिकल स्पेस में तेजी संभव

वरुण गोयल ने कहा कि पिछले 1 साल में इकोनॉमिक ग्रोथ में साइक्लिकल डिप देखने को मिली। साइक्लिकल डिप से कॉरपोर्टे अर्निंग पर असर देखने को मिली। FY25 में निफ्टी की अर्निंग ग्रोथ 4-5% ही थी। FY25 में स्मौलकैप स्पेस की अर्निंग ग्रोथ -15% थी। FY26 में बाजार रिकवरी मोड में रहेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 12, 2025 पर 9:05 AM
Market Outlook: FY26 में निफ्टी में 12% की ग्रोथ संभव, फ्लोरो केमिकल स्पेस में तेजी संभव
डिफेंस और EMS सेक्टर्स के हाई वैल्युएशन पर रहा। डिफेंस और EMS सेक्टर्स में काफी सेलेक्टिव है

Market Outlook: वीकली आधार पर बाजार में लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी 1-1% से ज्यादा गिरे। ऐसे में बाजार की आगे की चाल और मिरे एसेट स्मॉलकैप फंड (Mirae Asset Small Cap Fund) के बारे में बाते करते हुए Mirae Asset MF के फंड मैनेजर वरुण गोयल (Varun Goel) ने कहा कि पिछले 1 साल में इकोनॉमिक ग्रोथ में साइक्लिकल डिप देखने को मिली। साइक्लिकल डिप से कॉरपोर्टे अर्निंग पर असर देखने को मिली। FY25 में निफ्टी की अर्निंग ग्रोथ 4-5% ही थी। FY25 में स्मौलकैप स्पेस की अर्निंग ग्रोथ -15% थी। FY26 में बाजार रिकवरी मोड में रहेगा। GDP ग्रोथ, अर्निंग ग्रोथ में रिकवरी संभव है। उन्होंने कहा कि FY26 में निफ्टी में 12% और स्मॉलकैप में अर्निंग ग्रोथ 20-25% तक संभव है।

स्मॉलकैप इंडेक्स के वैल्युएशन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल अर्निंग ग्रोथ -15% थी। BFSI, ऑयल एंड गैस, मेटल सेक्टर से ग्रोथ गिरी। इस साल BFSI, ऑयल एंड गैस, मेटल में रिकवरी संभव है। इन तीनों सेक्टर की अर्निंग में सुधार की उम्मीद है। ब्रॉड मार्केट स्लोडाउन का असर ज्यादा पड़ा था। कमोडिटीज करेक्शन से मार्जिन सुधरेंगे। रेट कट से स्मॉलकैप को लार्जकैप से ज्यादा फायदा होगा। GDP ग्रोथ 10-11% रही तो रेवेन्यू ग्रोथ 10-12% संभव है। FY26 में अर्निंग ग्रोथ 20-25% तक रह सकती है।

फंड एलोकेशन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड करने में मदद किया। अर्निंग ग्रोथ के हिसाब से स्ट्रैटेजी है। ग्रोथ बढ़ाने वाली कंपनियों पर फोकस रखा। बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज – 21-22% एक्सपोजर है। हेल्थकेयर सेक्टर में 14% तक का एक्सपोजर है। हॉस्पिटल, CROs, CMOs स्पेस शामिल है। फंड में कैपिटल गुड्स, इंफ्रा, रेलवे, पावर में 15-16 फीसदी एक्सपोजर है। IT सेक्टर में 6-7%,केमिकल सेक्टर में 6-7% , ऑटो एंड एंसिलरी में 6-7% का एक्सपोजर है। भारत की ग्रोथ स्टोरी पर फोकस है।

केमिकल सेक्टर पर राय?पिछले 3 साल में फंड में काफी उतार-चढ़ाव रहा। अब चीन एक्सपोर्ट में स्टेबिलिटी दिख रही है। भारतीय केमिकल कंपनियों मे रिकवरी की उम्मीद है। बैटरी केमिकल स्पेस में निवेश के मौके होगा। फ्लोरो केमिकल स्पेस में काफी संभावनाएं है।

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