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H-1B visa fees: भारतीय IT कंपनियों पर नहीं होगा ज्यादा असर, एक्सपर्ट बोले- भारत को हो सकता है फायदा

H-1B visa fees: अमेरिका ने साफ किया है कि H-1B वीजा की 1 लाख डॉलर फीस केवल नए आवेदन पर ही लगेगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारतीय आईटी कंपनियों पर असर सीमित रहेगा और भारत को कुछ फायदे भी मिल सकते हैं। जानिए डिटेल।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Sep 21, 2025 पर 7:30 PM
H-1B visa fees: भारतीय IT कंपनियों पर नहीं होगा ज्यादा असर, एक्सपर्ट बोले- भारत को हो सकता है फायदा
टॉप भारतीय आईटी फर्में H-1B वीजा पर निर्भरता लगातार घटा रही हैं।

H-1B visa fees: अमेरिकी सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि H-1B वीजा के लिए प्रस्तावित $1,00,000 (करीब 88 लाख रुपये) शुल्क केवल नए आवेदन पर ही लागू होगा। साथ ही, यह सालाना नहीं, बल्कि सिर्फ एक बार लागू होने वाली फीस है। इससे एक्सपर्ट का मानना है कि भारत की आईटी कंपनियों पर असर सीमित रह सकता है। क्योंकि वीजा रिन्युअल, री-एंट्रीज और मौजूदा वीजाहोल्डर्स इस शुल्क से मुक्त रहेंगे।

पहले चिंता जताई रही थी कि भारतीय आईटी कंपनियों के मार्जिन और अन्य बिजनेस पैरामीटर्स पर काफी नकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि, अब एनालिस्ट का कहना है कि भारतीय कंपनियों को जितने H-1B वीजा जारी हैं, उसे हिसाब से मार्जिन पर 7 प्रतिशत तक दबाव की आशंका है।

क्या है एक्सपर्ट की राय

EIIRTrend के फाउंडर पारिख जैन का कहना है कि नई फीस मौजूदा कर्मचारियों या रिन्युअल पर लागू नहीं होगी। इसका मतलब है कि कंपनियों को कोई भारी नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा, जेनेरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Gen AI) को अपनाने से किसी प्रोजेक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी कम हो गई है।

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