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Market outlook : लाल निशान में बंद हुए सेंसेक्स- निफ्टी, जानिए 19 जून को कैसी रह सकती है इनकी चाल

Market trend: मिडिल ईस्ट में जारी तनाव और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण घरेलू बाजार शुरुआती बढ़त को बरकरार रखने में विफल रहा। हालांकि, मांग में सुधार की उम्मीद में ऑटो और कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी शेयरों में तेजी आई। घरेलू मैक्रो स्थितियों में मजबूती को देखते हुए बाजार का लॉन्ग टर्म आउटलुक अच्छा है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Jun 18, 2025 पर 4:17 PM
Market outlook : लाल निशान में बंद हुए सेंसेक्स- निफ्टी, जानिए 19 जून को कैसी रह सकती है इनकी चाल
Market cues : आज ऑटो और बैंक निफ्टी को छोड़कर,बाकी सभी सेक्टर लाल निशान में कारोबार करते दिखे। आईटी और मीडिया में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली

Stock markets : 18 जून को भारतीय इक्विटी इंडेक्स मामूली गिरावट के साथ बंद हुए और निफ्टी 24,850 से नीचे चला गया। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 138.64 अंक या 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 81,444.66 पर और निफ्टी 41.35 अंक या 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 24,812.05 पर हुआ है। आज लगभग 1486 शेयरों में तेजी आई, 2342 शेयरों में गिरावट आई और 131 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

निफ्टी में सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में टीसीएस, अदानी पोर्ट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचयूएल ओर अदानी एंटरप्राइजेज शामिल रहे, जबकि बढ़त वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, ट्रेंट, टाइटन कंपनी, मारुति सुजुकी और एमएंडएम शामिल रहे।

सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो ऑटो, प्राइवेट बैंक, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को छोड़कर दूसरे सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। इनमें भी आईटी, मीडिया, मेटल, तेल और गैस और रियल्टी में 0.5-1 फीसदी की गिरावट आई है। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सों में 0.3 फीसदी की गिरावट आई है।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि मिडिल ईस्ट में जारी तनाव और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण घरेलू बाजार शुरुआती बढ़त को बरकरार रखने में विफल रहा। हालांकि, मांग में सुधार की उम्मीद में ऑटो और कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी शेयरों में तेजी आई। घरेलू मैक्रो स्थितियों में मजबूती को देखते हुए बाजार का लॉन्ग टर्म आउटलुक अच्छा है। ग्लोबल फ्रंट पर स्थितियों के साफ होने तक निवेशकों अब अच्छी क्वालिटी वाले लार्ज कैप शेयरों पर फोकस कर सकते हैं। इसके अलावा बाजार की नजर US फेड के फैसलों पर रहेगी। टैरिफ़ के खतरे के कारण महंगाई बढ़ने की संभावना को देखते हुए FOMC दरों में कटौती करने से बच सकता है।

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