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Market outlook : बढ़त के साथ बंद हुए सेंसेक्स-निफ्टी, जानिए 17 अक्टूबर को कैसी रह सकती है इनकी चाल

Stock Markets: पिछले कुछ हफ़्तों में घरेलू शेयर बाज़ार में काफी ज्यादा बिकवाली और वोलैटिलिटी रही है। लेकिन धनतेरस से पहले आई मजबूत खरीदारी के चलते आज हुई तेज़ उछाल ने बाज़ार में उत्साह भर दिया है। अच्छे ग्लोबल संकेतों के साथ-साथ रुपये में तेज़ी और आने वाले हफ़्तों में कॉर्पोरेट आय में मजबूती की उम्मीद ने बाज़ार की तेज़ी को और मज़बूत किया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 16, 2025 पर 4:32 PM
Market outlook : बढ़त के साथ बंद हुए सेंसेक्स-निफ्टी, जानिए 17 अक्टूबर को कैसी रह सकती है इनकी चाल
बोनान्ज़ा में रिसर्च एनालिस्ट अभिनव तिवारी ने कहा कि शॉर्ट में बाजार में तेजी बरकरार रहने की उम्मीद है। बाजार को दूसरी तिमाही के मजबूत नतीजों और ग्लोबल ब्याज दरों में कमी से बल मिल रहा है

Stock Markets : 16 अक्टूबर को भारतीय शेयर बाजार में मजबूती देखने को मिली। निफ्टी 25,600 के आसपास बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 862.23 अंक या 1.04 प्रतिशत बढ़कर 83,467.66 पर और निफ्टी 261.75 अंक या 1.03 प्रतिशत बढ़कर 25,585.30 पर बंद हुआ। लगभग 2206 शेयरों में तेजी, 1712 शेयरों में गिरावट और 136 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। निफ्टी में सबसे ज़्यादा बढ़त में रहने वाले शेयरों में नेस्ले इंडिया, टाटा कंज्यूमर, टाइटन कंपनी, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक शामिल रहे। जबकि, सबसे ज्यादा नुकसान में रहने वाले शेयरों में एचडीएफसी लाइफ, श्रीराम फाइनेंस, सन फार्मा, जियो फाइनेंशियल और इटरनल शामिल रहे।

पीएसयू बैंक (0.4% की गिरावट) को छोड़कर दूसरे सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। ऑटो, बैंक, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, रियल्टी, एफएमसीजी, तेल एवं गैस इंडेक्स में 0.5-1.7 फीसदी तक की तेजी रही। बीएसई मिडकैप मिड कैप इंडेक्स में 0.3 प्रतिशत और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.4 प्रतिशत की बढ़त हुई।

17 अक्टूबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल

मेहता इक्विटीज़ के प्रशांत तापसे का कहना है कि पिछले कुछ हफ़्तों में घरेलू शेयर बाज़ार में काफी ज्यादा बिकवाली और वोलैटिलिटी रही है। लेकिन धनतेरस से पहले आई मजबूत खरीदारी के चलते आज हुई तेज़ उछाल ने बाज़ार में उत्साह भर दिया है। अच्छे ग्लोबल संकेतों के साथ-साथ रुपये में तेज़ी और आने वाले हफ़्तों में कॉर्पोरेट आय में मजबूती की उम्मीद ने बाज़ार की तेज़ी को और मज़बूत किया है। हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का मिलाजुला रुझान एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। अमेरिका-भारत टैरिफ़ तनाव और खराब होती भू-राजनीतिक स्थिति के कारण एफआईआई की निकासी बढ़ सकती है और बाज़ार पर दबाव बढ़ सकता है।

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