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मध्यपूर्व में लड़ाई की आग भड़कती है तो इंडियन शेयर बाजार भी झुलस सकता है

इजराइल ने 30 सितंबर को लेबनान में जमीनी हमले शुरू कर दिए हैं। इससे पहले IDF के हमले में 27 सितंबर को हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह सहित कई सीनियर कमांडर मारे गए थे। ईरान ने हिजबुल्लाह चीफ की मौत को काफी गंभीरता से लिया है। इससे उसके युद्ध में उतरने के आसार बढ़ गए हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 01, 2024 पर 3:12 PM
मध्यपूर्व में लड़ाई की आग भड़कती है तो इंडियन शेयर बाजार भी झुलस सकता है
एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर इजराइल को रोका नहीं गया तो मध्यपूर्व की यह चिंगारी बड़ा दावानल बन सकती है। इसकी आंच में शेयर बाजार भी झुलस सकता है।

इजराइल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी हमले शुरू कर दिए हैं। वह अमेरिका, यूरोपीय संघ सहित दुनिया के ताकतवर देशों की संघर्षविराम की अपील अनसुनी कर दी है। मिडिलईस्ट में लगातार खराब हो रहे हालात ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। अब तक स्टॉक मार्केट्स पर मध्यपूर्व में टेंशन का असर नहीं पड़ा है। इंडियन मार्केट्स के प्रमुख सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब बने हुए हैं। लेकिन, एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर इजराइल को रोका नहीं गया तो मध्यपूर्व की यह चिंगारी बड़ा दावानल बन सकती है। इसकी आंच में शेयर बाजार भी झुलस सकता है। खासकर क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल पूरा खेल बिगाड़ सकता है।

ईरान के लड़ाई में कूदने से बिगड़ जाएंगे हालात

इजराइल (Israel) की IDF के हमले में 27 सितंबर को हिजबुल्लाह (hezbollah) चीफ हसन नसरल्लाह सहित कई सीनियर कमांडर मारे गए थे। हिजबुल्लाह ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। इससे टेंशन काफी बढ़ गया। इस बीच, आईडीएफ ने 30 सितंबर को लेबनान में खास ठिकानों को निशाना बनाने के लिए जमीने हमले शुरू कर दिए हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जल्द हालात बेकाबू हो सकते हैं। ईरान ने अब तक खुलकर मैदान में उतरने से परहेज किया है। वह परोक्ष रूप से हिजबुल्लाह की मदद कर रहा है। लेकिन, इजराइल का आक्रामक रुख जारी रहने पर उसके सब्र का बांध टूट सकता है।

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