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विंटर ओलंपिक्स के लिए फ्लेम-लाइटिंग सेरेमनी क्यों है खास...ये बातें कर देंगी आपको हैरान

पहले मॉडर्न ओलंपिक गेम्स 1896 में एथेंस में हुए थे, लेकिन मशाल जलाने की परंपरा 1930 के दशक के शुरुआत में की गई और ये अबतक जारी है। विंटर ओलिंपिक्स के लिए ग्रीस के प्राचीन ओलंपिया में मशाल जलाने के साथ इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत हुई है

Edited By: Ankita Pandeyअपडेटेड Nov 27, 2025 पर 8:52 PM
विंटर ओलंपिक्स के लिए फ्लेम-लाइटिंग सेरेमनी क्यों है खास...ये बातें कर देंगी आपको हैरान
आइए जानते हैं ओलंपिक फ्लेम-लाइटिंग सेरेमनी और उसके इतिहास के बारे में

विंटर ओलिंपिक्स की तैयारियां पूरे जोश के साथ शुरू हो चुकी हैं। ग्रीस के प्राचीन ओलंपिया में मशाल जलाने के साथ इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत हुई है। बता दें कि प्रत्येक चार साल में जब भी ओलंपिक खेलों का आयोजन होता है, तब उद्घाटन समारोह के समय एक मशाल के माध्यम से खेलों की शुरुआत की जाती है। इस टॉर्च के जरिए एक आग की लौह जलाई जाती है, जो तब तक जलती रहती है जब तक ओलंपिक्स खत्म नहीं हो जाता है। वहीं 2026 के विंटर ओलिंपिक्स में ग्रीक एक्ट्रेस मैरी मीना ने हाई प्रीस्टेस की भूमिका निभाते हुए ओलंपिक फ्लेम को परंपरागत तरीके से प्रज्वलित किया। आइए जानते हैं ओलंपिक फ्लेम-लाइटिंग सेरेमनी और उसके इतिहास के बारे में

फ्लेम-लाइटिंग सेरेमनी

बता दें कि, पहले मॉडर्न ओलंपिक गेम्स 1896 में एथेंस में हुए थे, लेकिन मशाल जलाने की परंपरा 1930 के दशक के शुरुआत में की गई और ये अबतक जारी है। इस आग को जलाने के लिए एक कॉन्केव मिरर सूरज की रोशनी को टॉर्च की नोक पर इकट्ठा करता है, जिससे एक लौ बनती है जो गेम्स की पुरानी जड़ों के साथ पवित्रता और कंटिन्यूटी को दिखाती है।

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