भारत में पिछले कुछ सालों से डिजिटल बैंक या नियोबैंक्स का बोलबाला है। ये स्मार्टफोन पर चलने वाले प्लेटफॉर्म युवाओं, सैलरी वालों, गिग वर्कर्स और छोटे बिजनेस के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। पुराने बैंकों की धीमी सर्विस, पुरानी सिस्टम और ब्रांच के भारी खर्च से तंग आकर लोग इनकी ओर रुख कर रहे हैं। ये तुरंत अकाउंट खोलते हैं, जीरो बैलेंस रखते हैं, इंस्टेंट कार्ड देते हैं और खर्च ट्रैकिंग के स्मार्ट टूल्स देते हैं। लेकिन सवाल यह है क्या ये हमेशा ज्यादा ब्याज देंगे?
