क्यों पेटीएम (Paytm) और कई नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के शेयरों में आई हालिया गिरावट को खरीदारी के मौके के रुप में देखा जा सकता है? मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च हेड, सिद्धार्थ खेमका का कुछ ऐसा ही मानना है। उन्होंने कहा कि पेटीएम ने हाल में अपनी रणनीति में जो सुधार किया है, उसका सिर्फ उसपर ही नहीं बल्कि अन्य NBFC कंपनियों पर भी पॉजिटिव अशर पड़ता दिख रहा है। बता दें कि पेटीएम ने बीते बुधवार को कहा था कि वह 50,000 रुपये के कम के सेगमेंट में लोन आवंटन को चरणबद्ध तरीके से कम करेगी। इसकी जगह कंपनी 3 लाख रुपये से 7 लाख के टिकट साइज वाले लोन सेगमेंट पर फोकस करेगी।
पेटीएम ने कहा कि वह अपने लेंडिंग पार्टनर्स के साथ परामर्श कर रही है और 50,000 रुपये से कम के लोन सेगमेंट में अपनी उपस्थिति को कम करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही, कंपनी का लक्ष्य अधिक टिकट साइज वाले लोन में अपने उपस्थिति का विस्तार करना है।
हालांकि, इस रणनीतिक कदम का कंपनी के शेयरों पर असर पड़ा। पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (One 97 Communications Ltd) के शेयरों में इस खबर के बाद 20% की गिरावट आई और इसने अपने लोअर सर्किट को छू लिया था। लिस्टिंग के बाद कंपनी के शेयरों के लिए यह अबतक का सबसे खराब दिन था।
उन्होंने कहा कि हो सकता है पेटीएम के शेयर में जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देखने को मिली। उन्होंने जोर देकर कहा कि बाजार में लालच या भय वाली खबरों पर ऐसी प्रतिक्रिया देना आम है। उन्होंने कहा, "पेटीएम के शेयर की कीमतों में जो कल देखा गया, वह जरूरत से कुछ ज्यादा प्रतिक्रिया था। आम तौर पर हम बाजार में देखते हैं कि बाजार कई बार ऐसे जल्दबाजी में प्रतिक्रिया करते हैं, चाहे वह डर की तरफ हो या लालच की तरफ हो।"
खेमका ने कहा कि पेटीएम के ऐलान के बाद ब्रोकरेज ने भी उसके अर्निंग अनुमानों में बदलाव किया है। इसके चलते कंपनी के EBITDA अनुमान में 11-16% की कमी आई। हालांकि इसके बावजूद उनके पेटीएम के स्टॉक पर पॉजिटिव रुख बरकरार है। उन्होंने पेटीएम का टारगेट प्राइस घटाकर 1,025 रुपये रखा।
खेमका ने कहा, 'हम पेटीएम को लेकर सकारात्मक रुख बनाए हुए हैं। हमने टारगेट प्राइस भी घटा दिया है। हालांकि, यह अभी भी मौजूदा स्तर से काफी ऊंचे स्तर पर है। हमारा टारगेट प्राइस 1,025 रुपये है, जो हमें एक साल के नजरिए से काफी बढ़त की उम्मीद देता है।"