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पिछले महीने SIP में रिकॉर्ड निवेश, इक्विटी म्यूचुअल फंड में बढ़ा निवेशकों का रूझान, लेकिन इस वजह से डेट स्कीम्स से निकासी

म्यूचु्अल फंड इंडस्ट्री के लिए पिछला महीना बेहतरीन रहा और एसआईपी में निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया

अपडेटेड Oct 10, 2022 पर 10:12 PM
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पिछले महीने SIP में मासिक आधार पर 2 फीसदी निवेश आया और यह 12976 करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया।

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए पिछला महीना बेहतरीन रहा और एसआईपी में निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। देश में म्यूचुअल फंड सेक्टर की नियामक संस्था एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने SIP में मासिक आधार पर 2 फीसदी निवेश आया और यह 12976 करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। पूरी इंडस्ट्री की बात करें तो मासिक आधार पर एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) सितंबर में 0.87 फीसदी बढ़कर 39.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

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इक्विटी म्यूचुअल फंड को लेकर बढ़ा रूझान


सितंबर महीने में इक्विटी म्यूचु्अल फंडों में निवेश मासिक आधार पर 130 फीसदी बढ़कर 14100 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक महीने पहले अगस्त 2022 में यह आंकड़ा 6120 करोड़ रुपये था जो 10 महीने का निचला स्तर था। इक्विटी योजनाओं में निवेश ऐसे समय में बढ़ा जब बाजार में गिरावट थी और निफ्टी 50 में तीन फीसदी से अधिक गिरावट थी। जुलाई में इक्विटी म्यूचुअल फंड में 8898 करोड़ रुपये, जून में 15,498 करोड़ रुपये, मई में 18529 करोड़ रुपये और अप्रैल में 15890 करोड़ रुपये निवेशकों ने डाले थे।

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डेट स्कीम्स से निवेशकों ने खींचे पैसे

दो महीने के फीके रूझान के बाद सितंबर में एक फिर इक्विटी म्यूचुअल फंडों में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ लेकिन डेट स्कीम्स को लेकर ठीक उल्टा रूझान रहा। डेट योजनाओं में निवेशकों ने जुलाई में 4930 करोड़ रुपये और अगस्त में 49164 करोड़ लगाए थे लेकिन अगले ही महीने सितंबर में 65372 करोड़ रुपये निकाल लिए। इससे पहले जून में 92248 करोड़ रुपये औऱ अप्रैल में 32722 करोड़ रुपये की डेट स्कीम्स से निकासी हुई थी।

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इस कारण निवेशकों का रहा यह रूझान

AMFI के सीईओ एनएस वेंकटेश के मुताबिक दुनिया भर में मंदी की आशंका के बीच भारत निवेश के लिए बेहतर बाजार बना हुआ है जिसके चलते भारतीय शेयरों में निवेश बढ़ा है। इक्विटी में निवेश के लिए यह बेहतर मौका दिख रहा है। वहीं डेट स्कीम्स में से पैसे निकालने की वजह तिमाही का आखिरी महीना रहा क्योंकि क्योंकि कॉरपोरेट हर तिमाही के आखिरी में एडवांस टैक्स का पेमेंट करने के लिए पैसे निकालते हैं। इसके अलावा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते भी लंबी अवधि के फंड्स पर निगेटिव असर पड़ा औऱ रिडेम्प्शन में तेजी आई।

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