स्टॉक मार्केट में इस समय काफी उतार-चढ़ाव दिख रहा है। हालांकि इसके बावजूद सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) में उछाल और डीमैट खातों की बढ़ती संख्या से संकेत मिल रहे हैं कि निवेशकों का भरोसा भारतीय शेयरों में बना हुआ है। मजबूत इकनॉमिक फंडामेंटल्स, कंपनियों की बेहतर कमाई, राजनीतिक तौर पर स्थिरत और इंफ्लेशन की नरमी जैसे अहम वजहों ने इस भरोसा को बढ़ाया है। एनालिस्ट्स का मानना है कि शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव के बावजूद पॉजिटिव सेंटिमेंट बना रहेगा। लॉन्ग टर्म की प्रॉमिसिंग संभावनाओं और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के सहयोग से इसे सपोर्ट मिलेगा।
SIP के लिए कितना बढ़ा क्रेज
जनवरी में 51.84 लाख से अधिक निवेशकों ने SIP शुरू किया जो दिसंबर में 40.33 लाख से करीब 28.5 फीसदी अधिक है। वहीं सालाना आधार पर इसमें 128.9 फीसदी का उछाल रहा। SIP खातों की कुल संख्या दिसंबर 2023 में 7.64 करोड़ से बढ़कर 7.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। वित्त वर्ष 2022 में 2.66 करोड़ रजिस्ट्रेशन और वित्त वर्ष 2023 में 2.51 करोड़ रजिस्ट्रेशन हुए थे जबकि वित्त वर्ष 2024 के शुरुआती 9 महीनों में ही ये आंकड़े पीछे हो गए और 3.36 रजिस्ट्रेशन हुए।
वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में निवेशकों ने एसआईपी बंद भी किया। पिछले महीने जनवरी में 23.79 लाख निवेशकों ने एसआईपी से पैसे निकाल लिए। वित्त वर्ष 2024 में करीब 1.80 करोड़ निवेशकों ने अपनी एसआईपी बंद कर दी जबकि वित्त वर्ष 2023 में 1.43 करोड़ और वित्त वर्ष 2022 में 1.11 करोड़ निवेशकों ने एसआईपी बंद किया था। एनालिस्ट्स के मुताबिक कुछ निवेशक घरेलू शेयरों में तेजी के चलते अपने पैसे एसआईपी से निकाल रहे हैं।
एसआईपी खाते में उछाल के साथ-साथ बड़ी संख्या में निवेशकों ने शेयरों में निवेश के लिए डीमैट खाते खोले। सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस लिमिटेड (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में 46.84 डीमैट खाते खुले जबकि दिसंबर 2023 में 40.94 लाख खाते खुले। जनवरी में डीमैट खातों की कुल संख्या बढ़कर दिसंबर में 13.92 करोड़ से 14.39 करोड़ पर पहुंच गई। जनवरी 2023 में यह आंकड़ा 11.05 करोड़ पर था।
जनवरी में कैश और डेरिवेटिव दोनों सेगमेंट में एवरेज डेली टर्नओवर भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। जनवरी में लगातार दूसरे महीने कैश सेगमेंट में 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। एक्सिस सिक्योरिटीज के एनालिस्ट राजेश पालविया का कहना है कि डीमैट खातों की बढ़ती संख्या, एसआईपी में उछाल और बढ़ता कैश वॉल्यूम भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते विश्वास का संकेत देती है। यहां तक कि जो लोग पहले किनारे पर थे, वे भी शेयर मार्केट में रिकॉर्डतोड़ तेजी के चलते अब शेयरों में पैसे लगा रहे हैं। कई पीएसयू शेयरों के मजबूत प्रदर्शन से भी निवेशकों की शेयरों की दिलचस्पी बढ़ी है।