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बाजार में तेजी से NSE में तीन साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा नए निवेशकों का रजिस्ट्रेशन

दिसंबर 2023 के दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में इनवेस्टर रजिस्ट्रेशन 47 पर्सेंट तक बढ़ गया। इस दौरान 21.2 लाख नए निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े, जबकि नवंबर में रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 14.3 लाख था। NSE ने अपनी मंथली मार्केट रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। नए रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी सभी रीजन से देखने को मिली

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 29, 2024 पर 3:22 PM
बाजार में तेजी से NSE में तीन साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा नए निवेशकों का रजिस्ट्रेशन
इस दिन दो सेशन में कारोबार होगा। 20 जनवरी को पहला सेशन सुबह 9.15 बजे से 10 बजे तक होगा

दिसंबर 2023 के दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में इनवेस्टर रजिस्ट्रेशन 47 पर्सेंट तक बढ़ गया। इस दौरान 21.2 लाख नए निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े, जबकि नवंबर में रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 14.3 लाख था। NSE ने अपनी मंथली मार्केट रिपोर्ट में बताया, 'मई 2019 के बाद मासिक रजिस्ट्रेशन का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसका मुख्य कारण पिछले महीने मार्केट का शानदार रिटर्न रहा।' दिसंबर 2023 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के पास कुल रजिस्टर्ड निवेशक 8.5 करोड़ थे।

नए रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी सभी रीजन से देखने को मिली। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी पश्चिम भारत में रही और यहां इनवेस्टर रजिस्ट्रशन में पिछले महीने के मुकाबले 69 पर्सेंट की बढ़ोतरी देखने को मिली और यह आंकड़ा 3.9 लाख से बढ़कर 6.6 लाख तक पहुंच गया। इसके बाद उत्तर भारत में इनवेस्टर रजिस्ट्रेशन 50 पर्सेंट बढ़ गया और यहां इनवेस्टर रजिस्ट्रेशन 5.9 लाख से बढ़कर 8.9 लाख हो गया। पूर्वी भारत में इनवेस्टर रजिस्ट्रेशन में 31 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई और यह आंकड़ा 1.9 लाख से बढ़कर 2.5 लाख हो गया। इसके अलावा, दिसंबर में दक्षिण भारत में इनवेस्टर रजिस्ट्रेशन 21 पर्सेंट बढ़ गया और यह आंकड़ा 2.7 लाख से बढ़कर 3.2 लाख हो गया।

रीजनल हिस्सेदारी की बात करें, तो नए निवेशकों के रजिस्ट्रेशन में उत्तर भारत की हिस्सेदारी मामूली बढ़ोतरी के साथ 42 पर्सेंट हो गई, जबकि नवंबर में यह आंकड़ा 41.2 पर्सेंट हो गया। इसके अलावा, पश्चिम भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 31 पर्सेंट हो गई, जो नवंबर में 27.1 पर्सेंट थी। हालांकि, दक्षिण भारत और पूर्वी भारत की हिस्सेदारी में गिरावट आई। दिसंबर में नए निवेशकों के रजिस्ट्रेशन में दक्षिण भारत की हिस्सेदारी नवंबर के 18.5 पर्सेंट से घटकर 15.3 पर्सेंट हो गई, जबकि पूर्वी भारत का यह आंकड़ा 13.2 पर्सेंट से घटकर 11.7 पर्सेंट हो गया।

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