Insurance stocks: घरेलू ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Nuvama Institutional Equities) के डायरेक्टर मधुकर लढ़ा ने कहा कि बीमा कंपनियों के शेयरों में हाल में तेजी आई है। हालांकि उनका मूल्यांकन अभी भी आकर्षक दिख रहा है। वह एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life) और एसबीआई लाइफ (SBI Life) के शेयरों पर बुलिश हैं लेकिन एलआईसी (LIC) के लिए वह सावधानी बरत रहे हैं। सोमवार को HDFC लाइफ का शेयर 0.49 प्रतिशत बढ़कर 630 रुपये पर और SBI लाइफ का शेयर 0.34 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,267.00 रुपये के भाव पर बंद हुआ। हालांकि LIC का शेयर 1.80 प्रतिशत गिरकर 613.70 रुपये के भाव पर बंद हुआ।
मधुकर ने कहा, “मुझे लगता है कि मूल्यांकन अभी भी काफी अच्छा है। SBI लाइफ अपने एंबेडेड वैल्यू (EV) की तुलना में लगभग 1.9 गुना कीमत पर कारोबार कर रहा है। वहीं HDFC लाइफ अपने EV की तुलना में लगभग 2.4 गुना कीमत पर कारोबार कर रहा है। वित्त वर्ष 2025 के अुनमानित आधार पर, यह अभी भी बहुत आकर्षक है और दीर्घकालिक औसत से काफी कम है।”
हालांकि, वह LIC को लेकर सतर्क हैं। ऐसा इसलिए कंपनी के इंश्योरेंस बिजनेस की वैल्यू इसके मार्क-टू-मार्केट इक्विटी बुक में बहुत कम। इसके चलते अधिकतर निवेशक स्टॉक के रूप में LIC के शेयर को खरीदने की जगह, ब्रॉडर मार्केट को चुनना अधिक पसंद हैं। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि LIC आगे भी प्राइवेट सेक्टर की बीमा कंपनियों के मुकाबले मुकाबले पर्याप्त डिस्काउंट पर व्यापार करना जारी रखेगी।"
मधुकर इंश्योरेंस सेक्टर में लंबी अवधि के ग्रोथे के मौक देखते हैं। उन्होंने कहा कि वह इंश्योरेंस सेक्टर को लेकर नीचे दिए गए वजहों के चलते बुलिश हैं-
- प्राइवेट सेक्टर की कई गैर-सूचीबद्ध इंश्योरेंस कंपनियों की प्रीमियम आय में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है, जबकि लिस्टेड कंपनियों का प्रदर्शन इसके मुकाबले थोड़ा नरम रहा।
- रेगुलेशन का सिस्टम बीमा कंपनियों के प्रति अधिक उदार हुआ है जिससे कमीशन सीमा कम हो गई है। रेगुलेटर की ओर से इंडस्ट्री को समर्थन दिया जा रहा है, जिसके चलते इन कंपनियों को ग्रोथ के लिए खुली छूट मिली है।
- बजट के बाद बीमा कंपनियों का वैल्यूएशन काफी आकर्षक हुआ है।
- 5 लाख से अधिक टिकट साइज वाली पॉलिसियों को लेकर टैक्स सिस्टम में बदलाव हुआ है। इससे मार्च के दौरान बीमा उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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