Ola Electric News: इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में सुस्ती और ओला इलेक्ट्रिक के मुनाफे को लेकर कई आशंकाओं के बीच वैश्विक ब्रोकरेज बर्न्स्टीन का बुलिश रुझान सामने आया है। ब्रोकरेज की रिपोर्ट के मुताबिक दोपहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों के मार्केट में ओला इलेक्ट्रिक अपने दबदबे को बढ़ा रही है और प्रॉफिटेबिलिटी के मामले में भी कॉम्पटीटर्स को यह पछाड़ रही है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कॉम्पटीटर्स की तुलना में ओला इलेक्ट्रिक का सिर्फ ग्रॉस मॉर्जिन ही सबसे अधिक नहीं है बल्कि EBITDA लेवल पर भी यह प्रॉफिटेबिलिटी के करीब पहुंच रही है जो कंपनी के ग्रोथ मजबूत रफ्तार को दिखाता है।
आंकड़ों की बात करें तो जून 2024 तिमाही में कंपनी का ग्रॉस मार्जिन 18.4 फीसदी थी जबकि कॉम्पटीटर्स में टीवीएस का ग्रॉस मार्जिन 14 फीसदी, बजाज का 12.3 फीसदी और एथर (Ather) का 7 फीसदी था। हालांकि यहां दिलचस्प बात ये है कि ओला इलेक्ट्रिक ने यह मार्जिन कॉम्पटीटर्स की तुलना में औसतन 10-25 फीसदी कम यूनिट कंज्यूमर प्राइस रखकर हासिल किया है। प्रॉफिटेबिलिटी को लेकर बात करें तो ओला इलेक्ट्रिक का EBITDA मार्जिन (-) 2 फीसदी रहा जबकि टीवीएस का (-) 7.9 फीसदी, बजाजा का (-) 10.4 फीसदी और एथर का (-) 37 फीसदी रहा।
Ola Electric के मजबूती की क्या है वजह?
बर्न्स्टीन के मुताबिक ओला इलेक्ट्रिक की आक्रामक तरीके से स्थानीयकरण और वर्टिकल इंटीग्रेशन की स्ट्रैटेजी के साथ-साथ डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) बिजनेस मॉडल ने इसे फायदा पहुंचाया। इसके अलावा पीएलआई और फेम जैसी सरकारी सब्सिडीज से भी इसकी वित्तीय सेहत को सपोर्ट मिला। तकनीकी रूप से आगे होने और निवेश ने इसे ईवी सेक्टर में सिरमौर बनाया। कंपनी ने अपने ईवी इकोसिस्टम को बनाने के लिए करीब 100 करोड़ डॉलर का निवेश किया जिससे यह कॉम्पटीटर्स की तुलना में काफी आगे निकल गई। ब्रोकरेज के मुताबिक 15 अगस्त को कंपनी ने अपने Gen 3 प्लेटफॉर्म पेश किया था जिससे इसके ग्रॉस मार्जिन को और सपोर्ट मिलेगा और यह टिकाऊ प्रॉफिटेबिलिटी के और करीब पहुंचेगी। बर्न्स्टीन के मुताबिक कंपनी का टारगेट शहरी पर है जिसके चलते इसके सेल्स वॉल्यूम बढ़ा।
बाकी ब्रोकरेज फर्मों की क्या है राय
सिर्फ बर्नस्टीन ही नहीं बल्कि गोल्डमैन सैक्स और बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) ने हाल ही में कंपनी पर खरीदारी की रेटिंग के साथ कवरेज शुरू की। गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि ओला इलेक्ट्रिक FY27 तक EBITDA ब्रेकइवन हासिल कर लेगा, जबकि FY24 से FY30 तक इसका रेवेन्यू सालाना 40 फीसदी के चक्रवृद्धि दर (CAGR) को पार हो जाएगा और वित्त वर्ष 2030 तक फ्री कैश फ्लो ब्रेक इवन पर पहुंच जाएगा। BofA इसे लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के लिए मजबूत दांव के रूप में देख रहा है।
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