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NSE पर FY25 में 84 लाख नए डीमैट अकाउंट हुए एड, Groww और Angel One प्लेटफॉर्म रहे पहली पसंद

बाजार विशेषज्ञों का मानना ​​है कि डिजिटल ब्रोकरेज की बढ़ती बाजार हिस्सेदारी से पता चलता है कि निवेशक मोबाइल बेस्ड, सरल निवेश अनुभवों को प्राथमिकता देते हैं। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म्स में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को भी दर्शाता है। ट्रेडिशनल ब्रोकरेज ने भी देश के रिटेल इनवेस्टिंग बेस के उदय में समान रूप से योगदान दिया

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Apr 20, 2025 पर 3:16 PM
NSE पर FY25 में 84 लाख नए डीमैट अकाउंट हुए एड, Groww और Angel One प्लेटफॉर्म रहे पहली पसंद
Groww प्लेटफॉर्म से 34 लाख नए खाते जोड़े गए।

भारत के कैपिटल मार्केट्स में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान रिटेल इनवेस्टर्स का अच्छा पार्टिसिपेशन देखने को मिला। इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 84 लाख से अधिक नए एक्टिव डीमैट खाते एड हुए। यह आंकड़ा सालाना आधार पर 20.5 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही NSE पर कुल एक्टिव डीमैट अकाउंट्स बढ़कर 4.92 करोड़ हो गए। डीमैट अकाउंट्स की ग्रोथ में सबसे अधिक योगदान 2 डिजिटल ब्रोकरेज कंपनियों- ग्रो और एंजल वन के प्लेटफॉर्म से रहा। नए खुले डीमैट अकाउंट्स में इनकी हिस्सेदारी 57 प्रतिशत से अधिक रही।

ग्रो प्लेटफॉर्म से 34 लाख नए खाते जोड़े गए। इसकी NSE पर डीमैट अकाउंट्स की वृद्धि में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। इसका एक्टिव क्लाइंट बेस मार्च, 2024 के 95 लाख से बढ़कर मार्च, 2025 में 1.29 करोड़ हो गया। यह सालाना आधर पर 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। NSE के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान ग्रो की बाजार हिस्सेदारी 23.28 प्रतिशत से बढ़कर 26.26 प्रतिशत हो गई।

एंजल वन और जीरोधा की बाजार हिस्सेदारी

एंजल वन के जरिए वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 14.6 लाख नए डीमैट खाते खुले। NSE पर डीमैट अकाउंट्स की कुल ग्रोथ में इसने 17.38 प्रतिशत का योगदान दिया। इसकी बाजार हिस्सेदारी 15.38 प्रतिशत है। इनके अलावा, जीरोधा प्लेटफॉर्म से वित्त वर्ष 2024-25 में 5.8 लाख नए खाते एड हुए। NSE पर डीमैट खातों की कुल ग्रोथ में इसने लगभग 7 प्रतिशत का योगदान दिया। वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक इसकी बाजार हिस्सेदारी 16 प्रतिशत थी।

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